राष्ट्रीय

‘मेक इन इंडिया’  को बढ़ावा देने के लिए रूस से हेलीकाप्टर सौदा टला

 वायुसेना लेने जा रही थी 48 एमआइ-17 वी5एस हेलीकाप्टर
नई दिल्ली। यूक्रेन संकट ने विकासशील देशों की आंखे खोल दी हैं। भारत भी विदेशों से हथियारों की खरीद करने के बाजाए देश में ही उत्पादन पर जोर दिया है। सरकार की ओर से स्वदेशीकरण को बढ़ावा दिए जाने के तेज प्रयासों के बीच भारतीय वायु सेना (आइएएफ) ने रूस से 48 अतिरिक्त एमआइ-17 वी5एस हेलीकाप्टर खरीदने की अपनी योजना को टाल दिया है। भारत ने करीब 10 साल पहले रूस के साथ 80 एमआइ-17वी5एस की खरीद के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
इन्हें वायुसेना में चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जाना था। कई समझौते के तहत कई हेलीकाप्टर वायुसेना में शामिल किए जा चुके हैं लेकिन बाकी बचे 48 को वायुसेना और अन्य विमानन एजेंसियां अब अपने फ्लीट में अब शामिल नहीं करना चाहतीं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि ऐसी स्थिति में सौदे बंद करने का फैसला किया गया। निर्णय लिया गया कि वायुसेना स्वदेशी मध्यम-लिफ्ट हेलीकाप्टर कार्यक्रम का समर्थन करेगी।
निविदा वापस लेने का निर्णय रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष शुरू होने से बहुत पहले लिया गया था। सूत्रों ने स्पष्ट किया कि स्वदेशी परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए आयात रोकने का फैसला लिया गया। भारत एमआइवी5एस और एमआइ-17 हेलीकाप्टर बेड़े के सबसे बड़े आपरेटरों में से एक है। इसका उपयोग देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित अन्य वीवीआइपी के लिए भी करता है।
एमआइ-17वी5 वायुसेना का सबसा उपयोगी हेलीकाप्टर है। इनका दैनिक उपयोग सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में ऊंचाई वाले स्थानों और दूर-दराज के क्षेत्रों के साथ-साथ सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख भारतीय चैकियों में आने-जाने के लिए किया जाता है। वायुसेना मेक इन इंडिया इन डिफेंस प्रोग्राम के तहत बड़े पैमाने पर स्वदेशी कार्यक्रमों का समर्थन कर रही है। वायुसेना एएलएच ध्रुव और लाइट कांबैट हेलीकाप्टर सहित स्वदेशी मिसाइलों, लड़ाकू विमानों और हेलीकाप्टरों को प्राप्त करने की दिशा में सकारात्मक रूप से काम कर रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button