वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने जैसलमेर में प्री-बजट कन्सलटेशन बैठक में राज्य के मेमोरेंडम के 11 बिंदुओं पर विस्तार से रखा उत्तराखंड का पक्ष

जैसलमेर में राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के साथ प्री-बजट कन्सलटेशन बैठक में उत्तराखंड की और से शामिल हुए वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल
देहरादून । केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में केन्द्रीय प्री बजट कन्सलटेशन बैठक जैसलमेर में आयोजित की गयी । प्रदेश सरकार की ओर से वित्त मंत्री डॉ प्रेम चन्द अग्रवाल एवं सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने प्रतिभाग किया । प्रदेश सरकार की वित्त मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने प्री-बजट कन्सलटेशन बैठक में राज्य के मेमोरेंडम के 11 बिंदुओं पर विस्तार से पक्ष रखा।
डॉ अग्रवाल ने प्री-बजट कन्सलटेशन बैठक के सन्दर्भ में मेमोरेण्डम प्रस्तुत करने का अवसर देने पर आभार व्यक्त किया । उन्होने तीन मुख्य बिन्दुओं पर विस्तार से उत्तराखण्ड का पक्ष रखा ।डॉ प्रेम चन्द अग्रवाल ने अपने सम्बोधन को इन शब्दों के साथ समाप्त किया कि अमृत काल खण्ड में भारतवर्ष को विकसित देश बनाने की बयार है,
इस महायज्ञ को सफल बनाने के लिए देवभूमि उत्तराखण्ड तैयार है।
’’तीन मुख्य बिन्दुओं पर विस्तार से रखा उत्तराखण्ड का पक्ष
भूजल संरक्षण पर विस्तार से रखी बात -1. भू-जल के स्तर में क्षरण (डिप्लीशन) एक ज्वलन्त समस्या है। यह देखा गया है कि एक ओर हिमालय के तराई भाग में भूजल के स्तर में तीव्रता से क्षरण हो रहा है और दूसरी ओर पर्वतीय क्षेत्रों में नौला (वाटर टैम्पल), धारा (स्प्रिंग) जैसी परम्परागत जल संचयन प्रणालियां संकट में हैं।हमने भूजल संरक्षण के लिए लगभग 2500 करोड़ रूपये की बहुवर्षीय सौंग बांध परियोजना पर कार्य प्रारम्भ किया है।इस योजना के वित्त पोषण हेतु सहानुभूति पूर्वक विचार करने का अनुरोध हमने गत वर्ष किया था। हमारे अनुरोध को स्वीकार करते हुए इस वर्ष ’’स्कीम फाॅर स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फाॅर कैपिटल इन्वेस्टमेंट’’ के अन्तर्गत 100 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी प्राप्त हुई है।इस मेमोरेंडम में हमने भूजल संरक्षण के लिए एक नई केन्द्र पोषित योजना को प्रारम्भ करने का आग्रह किया है। इससे भूजल संरक्षण के लिए प्रयासरत केन्द्र व राज्य सरकारों के प्रयासों को सिनर्जी मिलेगी। इस सम्बन्ध में अग्रवाल ने जोर देकर कहा किप्रकृति हमें संरक्षित करती है,और हम प्रकृति का संरक्षण करेंगें।
डेडीकेटेड केन्द्र पोषित योजना/वित्तीय सहायता का किया अनुरोध-2. दूसरे बिन्दु में फ्लोटिंग पोपुलेशन का उल्लेख किया गया है। एक अनुमान है कि देवभूमि उत्तराखण्ड की वर्तमान जनसंख्या से 5 गुना से अधिक फ्लोटिंग पोपुलेशन राज्य में है। इस फ्लोटिंग पोपुलेशन में मुख्यतः तीर्थयात्री जैसे चार धाम यात्रा, कांवड़ यात्रा, महाकुंभ/अद्र्वकुम्भ एवं विशेष अवसरों पर स्नान आदि के साथ-साथ साहसिक पर्यटन व अन्य प्रकार के पर्यटक सम्मिलित हैं। अकेले हरिद्वार-ऋषिकेश में कांवड़ यात्रा एवं विभिन्न अवसरों पर गंगा स्नान के लिए 4 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों के आने का अनुमान है।फ्लोटिंग पोपुलेशन/तीर्थाटन-पर्यटन के आलोक में पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ स्तर (सस्टेनेबल टूरिज्म) बनाए रखना एक चुनौतीपूर्ण दीर्घकालिक आवश्यकता है। फ्लोटिंग पोपुलेशन के आलोक में साफ-सफाई, सीवरेज ट्रीटमेंट, सुरक्षित पेयजल, इलेक्ट्रिक वाहन एवं सर्विस स्टेशन आदि सुविधायें विकसित की जानी आवश्यक है।फ्लोटिंग पोपुलेशन जनित ट्रैफिक जाम को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण है। इसलिए फ्लोटिंग पोपुलेशन के आलोक में अतिरिक्त अवस्थापना विकास एवं अनुरक्षण आदि के लिए डेडीकेटेड केन्द्र पोषित योजना/वित्तीय सहायता का अनुरोध किया गया है।
देवभूमि में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना किये जाने की गुजारिश
3. मेमोरेण्डम का तीसरा प्रमुख बिन्दु आयुष से सम्बन्धित है। देवभूमि उत्तराखंड प्राचीनकाल से ही आयुर्वेद और औषधीय संपदा की प्रज्ञा भूमि रही है। हमारे प्रदेश में पाए जाने वाली औषधीय जड़ी-बूटियों ने आयुर्वेद को आरोग्य के आधारभूत तत्व के रूप में स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संजीवनी बूटी सहित अनेक महत्वपूर्ण जीवनदायिनी जड़ी-बूटियां देवभूमि उत्तराखण्ड में पायी जाती है।
हमारी सरकार आयुर्वेद और योग को व्यापक स्तर पर साथ लाकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई क्रांति लाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन् कर रही है।
हमारे प्रदेश की आयुष नीति 2023 में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने, निवेश को प्रोत्साहित करने सहित अनेक प्रावधान किए गए हैं। वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि हमारी सरकार देश की प्रथम योग नीति लागू करने की दिशा में गंभीरतापूर्वक प्रयास कर रही है।
आगामी केन्द्रीय बजट के माध्यम से यथोचित प्रावधान करते हुए देवभूमि उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना किये जाने का अनुरोध किया है।
इन 8 बिन्दुओं पर भी केन्द्र सरकार से आगामी बजट में प्रावधान का किया अनुरोध
1. उत्तराखंड राज्य में आर्टिफिसियल इंटैलीजेंस व साइबर सुरक्षा से सम्बन्धित उत्कृष्टता केन्द्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) स्थापित किया जाना,
2. बागेश्वर से कर्णप्रयाग तथा रामनगर से कर्णप्रयाग के मध्य रेलवे लाईन का सर्वेक्षण कराया जाये।
3. राज्य के दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में जल विद्युत परियोजनाओं को प्रोत्साहित किये जाने हेतु रू. 2 करोड़ प्रति मेगावाट की दर से रू. 8 हजार करोड़ की वायेविलिटी गैप फण्डिंग प्रदान करने के लिए आवश्यक प्रावधान किया जाना,
4. रोपवे परियोजनाओं हेतु उत्तराखण्ड सहित समस्त पर्वतीय राज्यों के लिए वायेविलिटी गैप फण्डिंग में केन्द्रांश 20 प्रतिशत से बढाकर 40 प्रतिशत करने पर विचार किया जाना।
5. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अनुरूप ही जल जीवन मिशन योजना के अनुरक्षण/संचालन को भी केन्द्र पोषित योजना से आच्छादित किया जाना।
6.साठ वर्ष से 79 आयु वर्ग के लिए वृद्धावस्था पेंशन में केन्द्रांश को बढ़ाकर 500 रुपए किया जाना,
7. राज्य आपदा मोचन निधि के मानकों मे संशोधन किया जाना।
8. महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (मनरेगा) के अंतर्गत उत्तराखण्ड सहित समस्त पर्वतीय राज्यों हेतु श्रम व सामग्री का अनुपात 60ः40 के बजाय 50ः50 करने, पर्वतीय क्षेत्रों में ढुलान हेतु अतिरिक्त प्रावधान करने तथा मनरेगा कार्यों के लिए सेमी-स्किल्ड लेबर की पारिश्रमिक दर अनस्किल्ड लेबर से अधिक करने तथा स्किल्ड लेबर की विद्यमान पारिश्रमिक दर को बढाने जाने का अनुरोध किया।
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उत्तराखंड के महत्वपूर्ण पक्षों को रखा: सीएम
देहरादून।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य की ओर से इकोलॉजी और इकोनॉमी को फोकस में रखते हुए नॉलेज इकॉनमी, भूजल संरक्षण, रोपवे, पूर्ण रेलवे सर्किट, जल-विद्युत उत्पादन आदि महत्वपूर्ण पक्षों को रखा गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में बजट निर्माण प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। हितधारकों के साथ बजट पूर्व संवाद की प्रक्रिया को हमने प्रभावी बनाया है। जनता से सुझाव आमंत्रित कर संबंधित अधिकारियों द्वारा उनका परीक्षण करते हुए बजट में समावेश करने के निर्देश दिए गए हैं। शीघ्र ही प्रदेश के लिए प्री-बजट कंसल्टेशन प्रारंभ किया जायेगा।