एसजीआरआरयू में संस्कृत भाषा में भी लिखी जाएंगी नाम पट्टिकाएं, सचिव, संस्कृत शिक्षा दीपक गैरोला ने महाराज से मुलाकात कर लिया आशीर्वाद

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में बनेगा मंत्र चिकित्सा केन्द्र,
संस्कृत के विद्धवतजन संस्कृत के मंत्रों से असाध्य रोगियों को प्रदान करेंगे हीलिंग टच
देहरादून। संस्कृत प्रेमियों के लिए खुशखबरी है। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों के विभागों की नाम पट्टिकाएं संस्कृत भाषा में भी लिखी जाएंगी। नाम पट्टिकाओं पर विभाग का नाम सबसे ऊपर संस्कृत भाषा में, फिर हिन्दी में और उसके बाद अंग्रेजी में लिखा जाएगा। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय ने संस्कृत भाषा को प्रचारित प्रसारित करने के लिए यह महत्वपूर्णं कदम उठाया है। इस कार्य में उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा विभाग श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय को सहयोग करेगा। श्री गुरु राम राय दरबार साहिब का नाम श्रीगुरुरामराय-दरबारसाहिबः, झण्डासाहिबः देहरादूनम् लिखा जाएगा श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल का नाम श्रीमहन्तइन्दिरेश-चिकित्सालयः,चिकित्सा एवं अनुसंधानकेन्द्रम्, देहरादूनम लिखा जाएगा।
शनिवार को दीपक कुमार गैरोला- सचिव, संस्कृत शिक्षा, जनगणना एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन, उत्तराखंड शासन ने श्री दरबार साहिब में माथा टेका। उन्होंने श्री दरबार साहिब के सज्जादे गद्दी नशीन एवम् श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज के साथ मुलाकात की व उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। दोनों के मध्य कई महत्पूर्ण विषयों पर सार्थक चर्चा हुई। साथ ही साथ उन्हें उत्तराखंड सरकार के कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग द्वारा प्रकाशित मेरी योजना पुस्तकें भेंट कर सरकार की योजनाओं को श्री दरबार साहिब एवं श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के माध्यम से भी प्रचारित- प्रसारित करने का अनुरोध किया।
इस मौके पर संस्कृत भाषा के महत्व, संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार एवम् संस्कृत से जुड़े महत्वपूूर्णं बिन्दुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग के विद्धवतजनों के साथ मिलकर इस दिशा में महत्वपूर्णं कार्य करेगा।
सचिव संस्कृत शिक्षा एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन दीपक कुमार गैरोला ने कहा की श्री गुरु राम राय दरबार साहिब प्राचीन और अर्वाचीन शिक्षा का उत्कृष्ट केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि
श्रीमहंत देवेंद्र दा महाराज जहां एक ओर चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति लाने का कार्य कर रहे हैं वहीं संस्कृत भाषा के उन्नयन संरक्षण एवं संवर्धन के लिए भी निरंतर प्रयासरत है। वहीं श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने कहा कि श्री गुरु राम राय दरबार साहिब में शिक्षण संस्थान के रूप में सबसे पहले 1931 में संस्कृत महाविद्यालय की ही स्थापना की गई और आज शिक्षा स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह विकास का क्रम निरंतर पूरे देश और विदेशों में व्याप्त होता जा रहा है। श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज ने कहा कि गुरु राम राय दरबार साहिब सभी विषयों को लेकर चाहे शिक्षा हो स्वास्थ्य हो या सामाजिक उन्नयन व लोक
संस्कृति तथा संस्कृत का संवर्द्धन हो हर क्षेत्र में अग्रणीय भूमिका निभाता रहा है।श्री महाराज के द्वारा, श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित समस्त स्कूलों द्वारा कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रकाशित मेरी योजना पुस्तकों के माध्यम से सरकार की योजनाओं के प्रचार- प्रसार में भी सहयोग देने का आश्वासन दिया।