उत्तराखण्ड

यूक्रेन से उत्तरखण्ड के छात्रों की वापसी का सिलसिला तेज, 7 और लौटे

  • दो दिनों में अब तक स्वदेश लौट चुके हैं प्रदेश के 22 छात्र
  • दिल्ली एयरपोर्ट पर उत्तराखण्ड सरकार की टीम ने की अगवानी
    देहरादून। यूक्रेन से सोमवार की सुबह उत्तराखंड के सात छात्र स्वदेश लौटे। यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के छात्रों की रविवार से घर वापसी शुरू हो गई थी। यूक्रेन से विशेष विमान से प्रदेश के 15 छात्रों को मुंबई लाया गया था। इसके बाद दिल्ली से उन्हें उनके मूल स्थानों को भेजा गया।
    यूक्रेन से सोमवार को सात और लोग वापस उत्तराखंड लौटे हैं। अब तक राज्य के 22 लोग वापस लौट चुके हैं। यूक्रेन में उत्तराखंड के लगभग 260 लोग फंसे हुए हैं, जिसमें छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक है। उत्तराखंड सरकार लगातार केंद्र से समन्वय बनाए हुए है। नोडल अधिकारी लगातार स्वजन के संपर्क में हैं। उत्तराखंड सरकार की टीम में शामिल अपर स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा, मनोज जोशी और जोसेफ सेबेसटियन ने सोमवार की सुबह सात उत्तराखंड के छात्रों की दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर अगवानी की। ये सभी छात्र यूक्रेन से फ्रलाइट संख्या एआई 1942 से भारत आए हैं। इनमें तमन्ना त्यागी, प्रेरणा बिष्ट, शिवानी जोशी, लिपाक्षी, अताउल्लाह मलिक, मोहम्मद मुकर्रम और उर्वशी जंतवाली शामिल है। स्वदेश आकर सभी खुश नजर आए। इससे पूर्व रविवार को यूक्रेन से उत्तराखण्ड के 15 छात्र वापिस आए थे।
    बोले माहरा, सरकार के पास विदेश गए उत्तराखंडी छात्रों का डाटा ही मौजूद नहीं
    देहरादून। यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर उप नेता प्रतिपक्ष करण माहरा ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। माहरा ने कहा कि सरकार के पास विदेश गए उत्तराखंडी छात्रों का डाटा ही मौजूद नहीं है। माहरा ने कहा कि जब भी कोई रोजगार के लिए टूरिस्ट वीजा या स्टूडेंट के रूप में विदेश जाता है तो उसके सभी आंकड़े एंबेसी और भारतीय विदेश सेवा के पास उपलब्ध रहते हैं, लेकिन इतनी बड़ी कमी कैसे रह गई? उन्होंने खाड़ी युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान करीब 20000 नागरिकों को वापस भारत लाया गया था, उस समय की सरकार ने उनकी व्यवस्था नहीं की, मगर आज यूक्रेन में हमारे नागरिक बुरे हालातों में वहां फंसे हुए हैं। उन्होंने सभी की सुरक्षा की कामना की।

    अभी भी अनेक छात्र बंकर में गुजार रहे दिन
    देहरादून। रूस-यूक्रेन में चल रहे भीषण युद्ध के बीच अभी भी उत्तराखंड के कई लोग और छात्र विभिन्न शहरों में फंसे हुए हैं। यूक्रेन के खारकीव में फंसे छात्रों की मुसीबतें अभी भी कम नहीं हुई है। यहां फंसे छात्रों को बंकर में दिन-रात गुजारने पड़ रहे हैं। यहां फंसे छात्रों का कहना है कि उन्हें फोन चलाने और लाइट जलाने के लिए भी मना किया गया है। किसी भी प्रकार से लाइट ऑन न करें, क्योंकि इससे रशियन आर्मी हमला कर सकती है। छात्रों का कहना है कि भारतीय दूतावास वाट्सअप पर जानकारी के फॉर्म तो जमा करवा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई मदद नहीं पहुंची। यूक्रेन के खारकीव में फंसे उत्तराखंड के विनायक थपलियाल का कहना है कि उनके हॉस्टल में उत्तराखंड के पांच छात्रों सहित लगभग 400 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। हालात इतने बुरे हैं कि बेसमेंट में उन्हें दिन गुजारने पड़ रहे हैं। उन्हें फोन की लाइट तक जलाने के लिए भी मना किया गया है, ताकि रशियन आर्मी के हमले से बच सकेें।

    यूक्रेन में फंसे हैं प्रदेश के लगभग 260 लोग
    देहरादून। यूक्रेन में फंसे छात्रों की संख्या पर उत्तराखंड सरकार में सहायक नोडल अधिकारी प्रमोद कुमार का कहना है कि सोमवार तक यूक्रेन में फंसे लोगों की संख्या 260 पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि सोमवार तक 22 उत्तराखंड के छात्र अभी स्वदेश लौट चुके हैं, बाकियों के संबंध में विदेश मंत्रलय और भारत सरकार जानकारी जुटाई जा रही है।

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