उत्तराखण्ड

चारधाम यात्रा से पहले देव डोलियों को लेकर हुआ कार्यक्रम जारी

  • केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई को प्रातः 6.15 बजे खुलेंगे
  • बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने दी जानकारी
    देहरादून। आगामी 3 मई से शुरू होने जा रही चारधाम यात्रा से पहले देव डोलियों को लेकर कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। मंदिर समितियों की तरफ से कपाट खुलने से लेकर देव डोलियों के प्रस्थान और रूट को लेकर भी जानकारियां सार्वजनिक की गई हैं। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ यात्रा से लेकर मंदिर समिति गंगोत्री एवं मंदिर समिति यमुनोत्री की ओर से भी जानकारी साझा हुई हैं।
    बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड़ ने जानकारी देते हुए बताया है कि केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई शुक्रवार समय प्रातः 6.15 बजे खुलेंगे। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली के प्रस्थान का कार्यक्रम के अंतर्गतभैरव पूजा 1 मई रविवार है। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली धाम प्रस्थान‌ 2 मई सोमवार प्रातः 9 बजे होगा। 2 मई प्रथम पड़ाव विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी रहेगा। 3 मई मंगलवार गुप्तकाशी से 8 बजे प्रातः फाटा प्रस्थान एवं प्रवास रहेगा।4 मई बुधवार फाटा से प्रातः 8 बजे गौरामाई मंदिर गौरीकुंड प्रस्थान एवं प्रवास गौरीकुंड रहेगा। 5 मई गुरुवार गौरीकुंड से प्रातः 6 बजे भगवान की पंचमुखी डोली गौरीकुंड से केदारनाथ धाम प्रस्थान करेगी। 6 मई शुक्रवार प्रातः 6 बजकर 15 मिनट पर केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शन-पूजन के लिए खोल दिए जाएंगे। बदरीनाथ धाम कपाट 8 मई को सुबह 6 बजकर 25 मिनट ग्रीष्मकाल के लिए खुलेंगे। बदरीविशाल देवडोली प्रस्थान कार्यक्रम के अंतर्गत 6 मई शुक्रवार प्रातः9 बजे नृसिंह मंदिर जोशीमठ से आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी एवं तेल कलश गाडू घड़ा सहित बदरीनाथ धाम के रावल योगध्यान बदरी प्रस्थान एवं प्रवास पांडुकेश्वर रहेगा। 7 मई शनिवार प्रातः योग बदरी पांडुकेश्वर से आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी, रावल जी सहित देवताओं के खजांची कुबेर जी एवं भगवान के सखा उद्धव जी और गाडू घड़ा तेल कलश बदरीनाथ धाम के लिए पांडुकेश्वर से प्रातः 9 बजे प्रस्थान करेगा।गंगोत्री एवं यमुनोत्री मंदिर से मिली जानकारी के मुताबिक गंगोत्री धाम के कपाट 3 मई सुबह 11.15 बजे खुलेंगे। जबकि यमुनोत्री धाम कपाट 3 मई दोपहर 12।15 बजे खुलेंगे। यमुना जी की डोली 3 मई प्रातः शीतकालीन गद्दी स्थल खुशीमठ (खरसाली) से प्रस्थान करेगी‌। पवित्र हेमकुंड साहिब एवं लोकपाल तीर्थ के कपाट रविवार 22 मई को खुलेंगे।
    2013 में आई केदार आपदा के बाद से चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। कुमाऊं गढ़वाल मंडल विकास निगम की वेबसाइट पर क्लिक करने पर होम पेज ओपन होगा। ऊपर चारधाम ऑफिशियल यात्रा रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करें। जिसके बाद नया इंटरफेस खुलेगा। जिस पर दाहिने साइड में एक विंडो ओपन होगा। पहला ऑप्शन चारधाम टूर पैकेज होगा और दूसरा दूसरा चारधाम रजिस्ट्रेशन का। रजिस्ट्रेशन वाले आप्शन पर क्लिक करने पर नया इंटरफेस खुलेगा। जिसमें, राष्ट्रीयता, आधार नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी इंटर कर सबमिट करने पर रजिस्ट्रेशन हो जाएगा, जिसके बाद रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। 3 मई को खुलेंगे गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाटरू इस साल यानी 2022 में उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 3 मई से शुरू होगी। 3 मई को अक्षय तृतीया के दिन मां यमुनोत्री और मां गंगोत्री के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलेंगे। चारधाम में से दो धाम यमुनोत्री और गंगोत्री उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक केदारनाथ धाम के कपाट इस बार 6 मई को खुलेंगे। रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम 2013 में आई आपदा में सिसक उठा था। उसके बाद 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ का पुनर्निर्माण कार्य शुरू कराया। अब केदारनाथ अपनी पहली वाली रंगत में लौट आया है।8 मई को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाटरू देश के चारधाम में से एक बदरीनाथ धाम के कपाट इस बार 8 मई को खुलेंगे। अलकनंदा नदी के तट पर स्थित बदरीनाथ धाम को मोक्षधाम भी कहा जाता है। भगवान विष्णु के इस धाम को लेकर श्रद्धालुओं में अगाध श्रद्धा है। केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि एवं मुहूर्त के साथ बाबा की पंचमुखी उत्सव डोली के केदारनाथ प्रस्थान का कार्यक्रम भी घोषित कर दिया गया है। उत्सव डोली दो मई को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी। धाम के रावल भीमाशंकर लिंग ने बताया कि एक मई को ओंकारेश्वर मंदिर में केदारनाथ धाम के रक्षक भुकुंट भैरव (भैरवनाथ) की पूजा होगी। अब हम आपको इन चारों धामों के बारे में सिलसलेवार बताते हैं। साथ ही ये भी बताते हैं कि उत्तराखंड के इन चारों धामों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ तक कैसे पहुंचा जा सकता है और ये किस जिले में पड़ते हैं। यमुनोत्री धाम भारत के उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में गढ़वाल क्षेत्र के पश्चिमी हिमालय में स्थित एक तीर्थ स्थल है। यमुनोत्री धाम की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 3,293 मीटर है। यमुनोत्री धाम यमुना की विशाल पर्वत चोटियों, ग्लेशियरों और खूबसूरत पानी के साथ साथ पर्यटकों को आमंत्रित करता है। यमुना भारत की दूसरी सबसे पवित्र नदी मानी जाती है। उत्तराखंड राज्य में स्थित छोटे चार धामों में से एक नाम यमुनोत्री का है जबकि अन्य तीन बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री हैं। वेदों के अनुसार देवी यमुना को सूर्य की बेटी और यम देव की जुड़वां बहन माना जाता है।कैसे पहुंचें यमुनोत्री धाम? रू यहां पहुंचने का सबसे अच्छा रास्ता बड़कोट और देहरादून से होकर निकलता है। इसके बाद धरासू से यमुनोत्री की तरफ बड़कोट फिर जानकी चट्टी तक बस द्वारा यात्रा होती है। जानकी चट्टी से 6 किलोमीटर पैदल चलकर यमुनोत्री पहुंचा जाता है। जानकी चट्टी से पिठ्टू, खच्चर या पालकी के जरिए यमुनोत्री मंदिर तक पहुंच सकते हैं। हवाई मार्ग से गंगोत्री जाने के लिए निकटतम हवाई अड्डा जौलीग्रांट, देहरादून है। यहां से आप उत्तरकाशी के लिए उड़ान भर सकते हैं। चारधाम यात्रा के दौरान निजी हवाई सेवा कंपनियां भी चारों धामों के लिए उड़ान भरती हैं। इन उड़ानों से सबसे ज्यादा आसानी केदारनाथ धाम जाने वाले तीर्थ यात्रियों को होती है।ट्रेन द्वारारू केवल ऋषिकेश तक रेलवे की सुविधा है। इसके बाद आपको निजी टैक्सियों या बसों का लाभ उठाना होगा। आपको हरिद्वार या ऋषिकेश से साझा जीप या इसी तरह के वाहन मिल जाएंगे। इनोवा, टवेरा, क्वालिस, स्कॉर्पियो जैसे एसयूवी या एमयूवी की सुविधा हर समय उपलब्ध है। निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार, देहरादून, कोटद्वार और काठगोदाम हैं।

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