राष्ट्रीय

समुद्री मोर्चे पर तैयारियों को पुख्ता किए जाने की जरूरत: राजनाथ

नई दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने निरंतर बदल रहे वैश्विक परिदृश्य में देश के आर्थिक और सामरिक हितों की रक्षा के लिए समुद्री मोर्चे पर तैयारियों को पुखता किये जाने पर बल दिया है। सिंह ने सोमवार को यहां भारतीय तटरक्षक के तीन दिन के 39 वें कमांडर सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद कहा कि निरंतर बदल रही वैश्विक परिस्थिति में देश की समुद्री सुरक्षा संबंधी जरूरतों में बदलाव आया है। इसे ध्यान में रखते हुए और देश के आर्थिक और सामरिक हितों की रक्षा के लिए समुद्री मोर्चे पर तैयारियों को मजबूत किये जाने की जरूरत है। मुंबई आतंकवादी हमले का उल्लेख करते हुए श्री सिंह ने कहा कि इस घटना ने देश की तटीय सुरक्षा की ओर ध्यान आकर्षित किया था। इसके बाद से भारतीय तटरक्षक पिछले कुछ वर्षों से निरंतर अपनी क्षमता बढाने में जुटा है। इन प्रयासों का ही परिणाम है कि देश में वर्ष 2008 के बाद से समुद्र के रास्ते कोई आतंकवादी हमला नहीं हुआ है। हिन्द प्रशांत क्षेत्र को देश की समुद्री सुरक्षा का महत्वपूर्ण आयाम करार देते हुए उन्होंने इसके मुक्त और खुला क्षेत्र बने रहने पर बल दिया । उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में बढते क्षेत्रीय और वैश्विक व्यापार ने नयी चुनौती पैदा की हैं। भू राजनैतिक तनाव और सामरिक हितों के टकराव का परिणाम पारंपरिक सुरक्षा चुनौती के रूप में सामने आ रहा है। आतंकवाद, मादक पदार्थ तस्करी और समुद्री डकैत जैसी गैर पारंपरिक चुनौती भी हैं। समूचा क्षेत्र इन चुनौतियों से प्रभावित है। एक जिम्मेदार समुद्री शक्ति के तौर पर हमारी रूचि नियम आधारित, शांतिपूर्ण और स्थिर माहौल बनाने की है। इस तरह का नियम आधारित माहौल क्षेत्रीय और वैश्विक समृद्धि दोनों के लिए ही लाभकारी है। इस तरह की स्थिति में भारतीय तटरक्षक की बहुत बड़ी भूमिका है।

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