उत्तराखण्ड

मानसून की दस्तक के साथ बढ़ी मुश्किलें, मलबे से प्रदेशभर में 46 सड़कें अवरुद्ध

रुद्रप्रयाग। बदरीनाथ हाईवे सिरोहबगड़ और गौरीकुंड हाइवे नौला पानी में बंद हो गए। पर्वतीय जिलों में भारी बारिश के चलते मलबा आने से सड़कें कई सड़कें बंद हो गई है। सड़कों को खोलने के लिए 235 जेसीबी मशीनों को काम पर लगाया है।
प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही कई स्थानों पर हुई बारिश सड़कों पर कहर बनकर बरसी है। बीते दो दिनों में हुई बारिश के बाद आए मलबे ने कुल 138 सड़कों की राह रोक दी थी। इनमें से 92 सड़कों को खोल दिया गया था। प्रदेशभर में 46 सड़कें अब भी बंद हैं। वहीं बदरीनाथ और गौरीकुंड हाईवे भी बंद हो गए।
गुरुवार सुबह से शुरू हुई बारिश से बदरीनाथ राजमार्ग सिरोहबगड़ और गौरीकुंड हाइवे नौला पानी में बंद हो गए। चमोली जनपद में भी देर रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश से जिले में 12 ग्रामीण संपर्क मार्ग जगह-जगह मलबा आने से बंद है। नंदानगर, पोखरी, देवाल, थराली विकासखंडों में कई सड़कें मलबा आने से बंद पड़ी है। बारिश होने से बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा में भी गिरावट आई है। पर्वतीय जिलों में भारी बारिश के चलते मलबा आने से सड़कें कई सड़कें बंद हो गई है। सड़कों को खोलने के लिए 235 जेसीबी मशीनों को काम पर लगाया है। लोनिवि की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, प्रदेश में बंद सड़कों को खोलने के लिए 235 जेसीबी मशीनों को काम पर लगाया गया। बुधवार देर शाम तक छह राज्य मार्ग, चार मुख्य जिला मार्ग, चार अन्य जिला मार्ग, 30 ग्रामीण सड़कें और दो पीएमजीएसवाई की सड़कें बंद थीं। अधिकतर बंद सड़कें पर्वतीय जिलों उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी की हैं। कुमाऊं क्षेत्र में पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर, नैनीताल जिलें में भी सड़कें अवरुद्ध हुई हैं। भारी बारिश में पहाड़ी से मलबा आने के कारण प्रदेश में दो स्थानों पर दुर्घटनाएं भी हुई हैं। इनमें दो लोगों की मौत हुई है। इनमें एक घटना रुद्रप्रयाग तो दूसरी पिथौरागढ़ में हुई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button