खेल

मीराबाई चानू ने भारत को ओलंपिक में सिल्वर के बाद राष्ट्रमंडल खेलों में दिलाया दूसरा गोल्ड मेडल

बर्मिंघन में गोल्ड जीतकर एक बार फिर देश को गौरवान्वित किया
ब्रिटेन । ब्रिटेन के बर्मिंघम में कॉमनवेल्थ गेम्स के दूसरे दिन शनिवार को भारतीय वेटलिफ्टर्स ने शानदार प्रदर्शन करके एक के बाद एक तीन मेडल दिलाया। संकेत सरगर ने सिल्वर तो गुरुराज पुजारी ने बॉन्ज मेडल दिलाया। वहीं मीराबाई चानू ने गोल्ड दिलाकर देश को एक बार फिर गौरव बढ़ाया। संकेत और गुरुराजा की तरह चानू ने भी काफी संघर्ष किया है। मणिपुर की मीराबाई के करियर में एक बार ऐसा मौका आया था कि वह डिप्रेशन में चली गई थीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। इससे उबरने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और देश को एक के बाद एक तीन मेडल दिलाया। तब से वह दो बार गोल्ड और एक बार सिल्वर जीत चुकी हैं। मीराबाई चानू ने इसके बाद कुछ समय के लिए खेल से दूरी बनाई, लेकिन वापसी काफी दमदार की। उन्होंने 2018 में ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किलोवर्ग के भारोत्तोलन में गोल्ड अपने नाम किया। इसके बाद टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर जीतकर वेटलिफ्टिंग में भारत को 21 साल बाद मेडल दिलाया। अब उन्होंने बर्मिंघन में गोल्ड जीतकर एक बार फिर देश को गौरवान्वित किया। राष्ट्रमंडल खेल 2022 में वेटलिफ्टिंग के 49 किलोग्राम भारवर्ग में मीराबाई चानू स्नैच राउंड समाप्त होने के बाद शीर्ष पर रहीं। उन्होंने अपने पहले प्रयास में 84 किलोग्राम का भार उठाया। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 88 किलोग्राम का वजन उठाया और राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी की। हालांकि, वह तीसरे प्रयास में 90 किलो ग्राम का वजन नहीं उठा पाईं। उन्होंने क्लीन एंड जर्क राउंड में अपने पहले प्रयास में 109 किलोग्राम का भार उठाया और भारत के नाम गोल्ड हो गया। 109 किलोग्राम वजन उठाने के बाद गोल्ड पक्का कर चुकीं मीराबाई को इससे संतुष्टि नहीं मिली। उन्होंने अगले प्रयास में 113 किलो का भार उठाया। तीसरे प्रयास में 115 किलो उठाने की कोशिश की, लेकिन विफल रहीं। इस तरह क्लीन एंड जर्क में मीराबाई का स्कोर 113 किलो रहा। उन्होंने कुल मिलाकर 201 किलो भार उठाया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button