उत्तराखण्डदेहरादून

धामी मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए कई अहम फैसले, जोशीमठ के आपदा प्रभावित लोगों का 6 माह के लिए बिजली- पानी का बिल माफ, बैंक ऋण वसूली भी एक साल के लिए  स्थगित

  • मुख्य सचिव ने दी मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी

  • राज्य आकस्मिकता निधि से जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिए 45 करोड़ की अवमुक्त की गई धनराशि का किया अनुमोदन

एस.आलम अंसारी 

देहरादून। राज्य मंत्रिमण्डल की शुक्रवार को हुई बैठक में जोशीमठ भू-धसांव के बार में और इससे प्रभावित लोगों के लिए कई अहम फैसले लिए गए हैं। माह नवम्बर, 2022 से आगामी छः माह तक के लिये जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों / व्यक्ति़यों के बिजली एवं पानी के बिल माफ किये जाने का निर्णय लिया गया । जोशीमठ के आपदा प्रभावित व्यक्ति़यों के बैंक इत्यादि से लिये गये ऋण की वसूली को एक साल के स्थगित किये जाने के सम्बन्ध में यह निर्देश दिये गये कि सहकारी बैंकों की ऋण वसूली तत्काल प्रभाव से स्थगित की जाय तथा अन्य कमर्शियल बैंक के स्तर से भी ऋण वसूली स्थगित किये जाने का अनुरोध भारत सरकार से किया जाए। जोशीमठ भू-धंसाव के संबंध में शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता मंत्रीमंडल की बैठक आयोजित की गई। मंत्रीमण्डल की बैठक के बाद मुख्य सचिव डॉ. एस एस संधु एवं सचिव अपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने मंत्रीमण्डल के निर्णयों की जानकारी दी।
1- जोशीमठ के आपदा प्रभावित भू-भवन स्वामियों व व्यक्तियों को स्थायी अध्यासन प विस्थापन नीति निर्धारित होने से पूर्व अग्रिम धनराशि 1 लाख (जिसका समायोजन किया जायेगा ) तथा सामान की ढुलाई एवं तात्कालिक आवश्यकताओं के लिए गैर समायोज्य धनराशि 50 हजार अर्थात कुल 1-5 लाख आवंटित किये जाने के लिए राज्य आकस्मिकता निधि से 45 करोड़ की धनराशि पत्र 11-01-2023 के द्वारा अवमुक्त की गयी है। इसके सम्बन्ध में मंत्रीमंडल की ओर से कार्याेत्तर अनुमोदन प्रदान किया गया।
2- जिला प्रशासन की ओर से चयनित भू-खण्डों ( कोटी फार्म, पीपलकोटी, गोचर, ग्राम – गौख सेलंग, ग्राम – ढाक) के क्षेत्रीय सर्वेक्षण के बाद जोशीमठ के आपदा प्रभातियों के लघु कालिक पुर्नवास के लिए चयनित भू-खण्डों पर सर्वे के बाद प्री-फेर्बीकेटेड स्ट्रक्चर्स का निर्माण किये जाने पर सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गयी है। मंत्रिमण्डल ने यह निर्देश भी दिये कि जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों व व्यक्तियों के मध्य सर्वे कराते हुए भवन दिये जाने अथवा पैकेज के रूप में धनराशि दिये जाने का निर्णय लिया जायेगा।
3- शासनादेश सं0 763, 02-09-2020 के द्वारा आपदा प्रभावित ऐसे व्यक्ति, जो कि किराये के मकान पर निवास करते है, उनको किराये के रूप में अधिकतम 6 माह के लिये प्रतिमाह 4000 की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष से दिये जाने की व्यवस्था है। जोशीमठ के आपदा प्रभावित व्यक्तियों के लिए इस किराये की धनराशि 4,000 प्रतिमाह से बढाकर 5,000 प्रतिमाह किये जाने पर अनुमोदन प्रदान किया गया। इसके साथ ही जिलाधिकारी, चमोली की रिपोर्ट के आधार पर यदि इस किराये में और अधिक वृद्धि किये जाने की आवश्यकता होती है, तो इस सम्बन्ध में निर्णय लिये जाने के लिए मुख्यमंत्री की जी को अधिकृत किया गया ।
4- भू-धंसाव व भू-स्खलन प्रभावित परिवारों को होटल व आवासीय ईकाईयों में राहत कैम्प के रूप में अधिवास करवाये जाने के लिए एसडीआरएफ के मानकों के अनुसार वास्तवित व्यय अथवा 950 प्रतिदिन प्रतिकक्ष, जो भी कम हो, उपलब्ध कराया जायेगा। उत्तफ़ के साथ ही राहत कैम्प की अवधि के दौरान प्रति व्यक्ति के लिए भोजन के लिये प्रतिदिन 450 उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। यदि कोई व्यक्ति राहत कैम्प में भोजन करने का इच्छुक नही है, तो ऐसे व्यक्ति को भोजन के लिए प्रतिदिन 450 धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। एसडीआरएफ के मानकों के अनुसार पशुओं के प्रतिस्थापन के लिए 15 हजार दिए जाएँगे, इसके अतिरिक्त बड़े पशुओं के चारे के लिये 80/- प्रतिदिन तथा छोटे पशुओं के चारे के लिये 45/- प्रति दिन की धनराशि सम्बन्धित व्यक्तियों को उपलब्ध कराई जाएगी ।
5. जोशीमठ नगर क्षेत्र के भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण तथा जल निकासी योजना इत्यादि कार्यों के लिए सिंचाई विभाग के स्तर पर शोर्टलिस्ट संस्थाओं में से एम/एस डब्ल्यूएपीसीओएस लिमिटेड गुरुग्राम को टो-इरोजन तथा भू – धसाव / भू-स्खलन से सम्वन्धित कार्य ईपीसी मोड में कराये जाने के लिए एकल स्रोत के सम्बन्ध में कराये जाने के लिए यह निर्णय लिया गया कि सिंचाई विभाग एवं वैपकोस में से जो भी शीघ्र डीपीआर तैयार करते हुए कार्य प्रारम्भ कर सकता है, उसके सम्बन्ध में निर्णय लिये जाने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
6. भू-धंसाव व भू-स्खलन से प्रभावित भू-भवन स्वामियों का एक जनपद स्तरीय समिति के माध्यम से क्षति आंकलन का सर्वे कराते हुए, उसके बाद उनकी भूमि तथा निर्मित भवन के लिए सहायता राशि उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में मंत्रिमण्डल की ओर से एक सप्ताह के अन्दर पैकेज तैयार कर भारत सरकार को प्रेषित किये जाने के निर्देश दिये गये।
7- जोशीमठ की आपदा के दृष्टिगत भारत सरकार से राहत पैकेज के रूप में धनराशि प्राप्त होने तक राज्य सरकार के संसाधनों से अल्प कालिक एवं मध्य कालिक किये जाने वाले विभिन्न कार्यों पर धनराशि का व्यय किया जाना प्रस्तावित है, जिसका समायोजन भारत सरकार से राहत पैकेज के रूप में धनराशि प्राप्त होने पर कर लिया जायेगा।
8- भारत सरकार के पत्र 10-10-2022 के द्वारा निर्गत एसडीआरएफ के नवीन मानकों में यह व्यवस्था की गयी है कि ऐसे परिवार जिनकी आजीविका का साधन आपदा के कारण प्रभावित हुआ है, उनके परिवार के दो व्यस्क सदस्यों को मनरेगा के तहत निर्धारित मजूदरी की दरों के अनुसार अनुग्राहिक राहत प्रदान की जायेगी। जोशीमठ की आपदा को दृष्टिगत रखते हुये राहत शिविर में निवास कर रहे व्यक्तियों को एसडीआरएफ के मानकों से सम्बन्धित भारत सरकार के पत्र 10-10-2022 के साथ संलग्न सूची के कमांक संख्या – 01 (ड) को लागू करते हुये राहत शिविर में निवास करने की अवधि तक के लिये, मनरेगा में निर्धारित दरों के अनुसार अनुग्राहिक राहत राशि प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में मंत्रिमण्डल का अनुमोदन प्राप्त किया जाना प्रस्तावित है।

कैबिनेट ने पांच अन्य विषयों पर भी दी सहमति
1- माह नवम्बर, 2022 से आगामी छः माह तक के लिये जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों / व्यक्तियों के बिजली एवं पानी के विद्युत बिल माफ किये जाने का निर्णय लिया गया ।
2- जोशीमठ के आपदा प्रभावित व्यक्तियों के बैंक इत्यादि से लिये गये ऋण की वसूली को एक साल के स्थगित किये जाने के सम्बन्ध में यह निर्देश दिये गये कि सहकारी बैंकों की ऋण वसूली तत्काल प्रभाव से स्थगित की जाय तथा अन्य कमर्शियल बैंक के स्तर से भी ऋण वसूली स्थगित किये जाने का अनुरोध भारत सरकार से किया जाए।
3- उत्तराखण्ड राज्य के सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता का अध्ययन किये जाने का निर्णय लिया गया है।
4- जोशीमठ की आपदा से सम्बन्धित विभिन्न प्रस्तावों पर शीघ्रता से निर्णय लिये जाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया।
5. जोशीमठ भू धंसाव प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए उत्तराखण्ड के सभी कैबिनेट मंत्री अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे।

 

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