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उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, अनुमति के बिना कोई भी निर्णय करना अनुचित,पंचायत मंत्री के हस्तक्षेप के बाद ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी के फंक्शनल मर्जर के शासनादेश स्थगित

  • उत्तराखंड ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एसोसिएशन ने भी किया निर्णय का स्वागत

  • कैबिनेट मंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का जताया आभार

देहरादून। अधिकारियों की और से  ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देना उचित नहीं है जहां मंत्री की अनुमती के बगैर कुछ भी निर्णय ले लिए जाएं। यह बात प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने उनके हस्तक्षेप के बाद ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी के फंक्शनल मर्जर के शासनादेश स्थगित किये जाने पर बुद्धवार को जारी अपने एक बयान में कही। महाराज ने कहा कि बिना उनकी और उनके विभाग की अनुमति के 16 जनवरी 2023 के शासनादेश संख्या-1 के तहत विकासखंड स्तर पर विभिन्न विभागों के खंड स्तरीय कार्मिकों को खंड विकास अधिकारी के प्रशासनिक नियंत्रण में रखे जाने और शासनादेश संख्या-2 के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी अथवा ग्राम विकास अधिकारी में से किसी एक अधिकारी की तैनाती कर दोनों पदों का कार्यात्मक विलय किए जाने का निर्णय ले लिया गया था ,जिसे मेरे हस्तक्षेप के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले का संज्ञान लेते हुए  ये दोनों आदेशों को स्थगित कर दिया है। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री  का आभार व्यक्त करता हूं। महाराज ने कहा कि  यह दोनों आदेश संविधान के 73वें संशोधन में वर्णित 29 विषयों को पंचायतों को हस्तांतरित करने के प्रयास की दिशा में अवरोध थे ,इसके अलावा पंचायती राज विभाग के कार्मिकों द्वारा भी इन दोनों शासनादेश को निरस्त करने के लिए कार्य बहिष्कार भी प्रारंभ कर दिया गया था। इसलिए मैंने मुख्यमंत्री को वस्तु स्थिति से अवगत कराया, जिसके बाद इन दोनों आदेशों को स्थगित कर दिया गया है। उत्तराखंड ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एसोसिएशन ने भी सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है।
महाराज ने कहा कि उन्हें आपत्ति इस बात की है कि न उनसे और ना ही उनके मंत्रालय से इस संबंध में कुछ पूछा गया। उनका कहना था कि कोई भी निर्णय चाहे अच्छा हो या बुरा इस संबंध में पहले संबंधित मंत्री से पूछा जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत के सहकारिता के कार्यों को भी बिना उनसे पूछे बीडीओ के अधीन कर दिया गया। ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देना सर्वथा गलत है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि ऐसी विसंगति पैदा ना हो इसलिए दोनों विभागों का एक ही सचिव होना चाहिए और अधिकारी अपनी मनमानी ना करें इसीलिए वह अधिकारियों की एसीआर लिखने की भी बात बार-बार कह रहे हैं।

प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री महाराज ने की गडकरी से शिष्टाचार भेंट, केंद्रीय मंत्री से सड़कों के लिए सीआरआईएफ से की बजट की मांग


देहरादून/नई दिल्ली। प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने केन्द्रीय सड़क अवसंरचना निधि (CRIF) के अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न मोटर मार्गों के नवीनीकरण, सुधारीकरण, डामरीकरण के कार्यों को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी मंत्री नितिन जयराम गडकरी से मुलाकात की। प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने केन्द्रीय सड़क अवसंरचना निधि (CRIF) के अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न मोटर मार्गों के नवीनीकरण, सुधारीकरण, डामरीकरण के कार्यों को लेकर बुद्धवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी मंत्री नितिन जयराम गडकरी से उनके नई दिल्ली स्थित कार्यालय पर मुलाकात की। महाराज ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से चर्चा करते हुए जोशीमठ में माणा-बद्रीनाथ मार्ग नेशनल हाईवे-58 के धसने की जानकरी देते हुए उन्हे अवगत कराया कि उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न मोटर मार्गों की स्थिति अत्यंत जर्जर है जिसके दृष्टिगत आम जन को आवागमन हेतु भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए नवीनीकरण, सुधारीकरण, डामरीकरण के कार्यों के लिए केन्द्रीय सड़क अवसंरचना निधि (CRIF) से अति शीघ्र प्रदेश को बजट उपलब्ध करवाया जाए। केंद्रीय मंत्री ने उन्हे भरोसा दिलाया कि शीघ्र इस पर कार्रवाई की जाए।

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