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चमोली हादसाः जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी , चेंज ओवर पैनल में शार्ट सर्किट होने के कारण करंट फैलने से हुई घटना

ADM डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने 
जांच रिपोर्ट में घटना के कारणों सहित कमियों और दायित्वों को विस्तार से किया गया स्पष्ट 
उपयुक्त एमसीबी के स्थान पर केवल चेंज ओवर ही हो रहा था इस्तेमाल
चमोली/ देहरादून चमोली करंट हादसे में अपर जिला मजिस्ट्रेट डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने अपनी जांच रिपोर्ट जिला अधिकारी को सौंप दी है। जांच के दौरान पता चला है कि इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण भी जॉइंट वेंचर फर्म मै. जयभूषण मलिक कांट्रेक्टर्स पटियाला तथा मै. कॉन्फिडेंस इंजीनियरिंग इंडिया प्रा.लि. कोयम्बटूर द्वारा किया गया था। जल निगम ने एसटीपी निर्माण के बाद उसका अनुश्रवण के लिए वर्ष 2021 में जल संस्थान के हैंड ओवर कर दिया था। जिसके रखरखाव और संचालन के लिए जल संस्थान ने जॉइंट वेंचर फर्म मै. जयभूषण मलिक कांट्रेक्टर्स पटियाला तथा मै. कॉन्फिडेंस इंजीनियरिंग इंडिया प्रा.लि. कोयम्बटूर के साथ 15 वर्षों  का अनुबन्ध किया था।
मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट के अनुसार 19 जुलाई को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में लगे विद्युत चेंज ओवर पैनल में शार्ट सर्किट होने के कारण कंट्रोल पैनल और मैन पैनल में तीव्र अर्थिंग फॉल्ट होने से घटना घटी। अर्थ फॉल्ट होने से एसटीपी प्लांट की सीढ़ियों, रेलिंग आदि के मैटेलिक स्ट्रक्चर में तीव्र करंट फैल गया। वहां मौजूद जो भी लोग लोहे के रेलिंग, सीढ़ियों व जाली आदि के संपर्क में आए उनकी करंट लगने से मृत्यु हो गई। उपयुक्त एमसीबी के स्थान पर केवल चेंज ओवर ही इस्तेमाल हो रहा था।
ये गड़बड़ियां आई सामने 
रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि जॉइंट वेंचर फर्म मै. जयभूषण मलिक कांट्रेक्टर्स पटियाला तथा मै. कॉन्फिडेंस इंजीनियरिंग इंडिया प्रा.लि. कोयम्बटूर के साथ जल निगम-जल संस्थान के साथ अनुबंध का खुला उल्लंघन हुआ है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के ऑपरेशन और मेंटेनेंस के लिए जल संस्थान गोपेश्वर को दिए बिल भी संदिग्ध पाए गए हैं जिनकी जांच की संस्तुति की गई है। अनुबंधित फर्म द्वारा संचालन कार्यों की मॉनिटरिंग नहीं हो रही थी। विद्युत विभाग और जल संस्थान के कार्मिकों में आपसी सामंजस्य नहीं पाया गया। एसटीपी प्लांट तक पहुंचने वाला मार्ग संकरा पाया गया है।
दोषियों पर कड़ी कार्यवाई की संस्तुति
मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट में दोषियों पर कड़ी कार्यवाई की संस्तुति की गई हैं। जिसमें जॉइंट वेंचर फर्म मै. जयभूषण मलिक कांट्रेक्टर्स पटियाला तथा मै. कॉन्फिडेंस इंजीनियरिंग इंडिया प्रा.लि. कोयम्बटूर तथा भास्कर महाजन, डायरेक्टर एक्सिस पावर कंट्रोल्स (दिल्ली) कंपनियों को उत्तराखंड में ब्लैक लिस्टेड करने के साथ ही इन तीनों को देशभर में ब्लैक लिस्टेड करने की संस्तुति की गई है। अनुबंध की शेष अवधि में समस्त एसटीपी के संचालन में आने वाले खर्च को अनुबंधित कंपनी से वसूलने, जांयट वेंचर कंपनी द्वारा जल निगम को दी गई 1.10 करोड़ की बैंक गारंटी को जब्त करने, हादसे की मुख्य जिम्मेदार जॉइंट वेंचर फर्म के खिलाफ कानूनी दंडात्मक कार्यवाई करने, अनुबंध की शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित कराने में असफल अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाई करने, फर्म को संदिग्ध बिलों का भुगतान के जिम्मेदार कर्मियों पर कार्यवाई करने, विद्युत विभाग एवं जल संस्थान के कार्मिकों में सामंजस्य के अभाव में दुर्घटना के जिम्मेदारों पर कार्यवाई करने की संस्तुति की गई है। साथ ही जांच रिपोर्ट में सभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ ही ऐसी दुर्घटना  संभावित प्रतिष्ठानों की विद्युत सुरक्षा ऑडिट कराए जाने की संस्तुति की गई है।

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