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बाइटएक्सएल ने देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर प्रदेश में रखा कदम, DBUU  प्रो-चांसलर,  अमन बंसल ने कहा,  साझेदारी से हम अपने छात्रों व कौशल विकास से संबंधित उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार 

बाइटएक्सएल के सह-संस्थापक एवं सीएसओ,  श्रीचरण व देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय की ओर से प्रो-वाइस चांसलर, डॉ. आर. के. त्रिपाठी ने  समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर 
देहरादून: इंजीनियरिंग संस्थानों में बदलाव लाने पर केंद्रित देश के प्रमुख एडटेक प्लेटफार्मों में से एक बाइटएक्सएल ने देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन  पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की है।डीबीयूयू देहरादून का एक निजी विश्वविद्यालय है जहाँ 28 राज्यों के 20,000 छात्र पढ़ते हैं। फिलहाल तीन साल के लिए एमओयू  पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसे आपसी सहमति के साथ आगे की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है। बाइटएक्सएल ने पहली बार उत्तराखंड में स्थित किसी विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी की है और तेजी से विकसित हो रहे इस राज्य में कदम रखा है। देवभूमि विश्वविद्यालय भी बाइटएक्सएल के रोस्टर में शामिल कई ‘परिवर्तन महाविद्यालयों’ में से एक है , जहाँ बाइटएक्सएल छात्रों के कौशल विकास के अलावा कॉलेज में 360-डिग्री तरीके से बदलाव लाने में भी शामिल होगा। देहरादून में स्थित कॉलेज के परिसर में बाइटएक्सएल के सह-संस्थापक एवं सीएसओ,  श्रीचरण ताडेपल्ली तथा देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय की ओर से प्रो-वाइस चांसलर, डॉ. आर. के. त्रिपाठी ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय के प्रो-चांसलर,  अमन बंसल ने कहा कि हम बाइटएक्सएल के साथ साझेदारी को लेकर बेहद उत्साहित हैं और अपने छात्रों तथा कौशल विकास से संबंधित उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
360-डिग्री ‘कैंपस ट्रांसफॉर्मेशन’ कार्यक्रम के तहत बाइटएक्सएल की ओर से अत्याधुनिक पाठ्यक्रम उपलब्ध कराया जाएगा, कुशल विशेषज्ञों को कैंपस में लाया जाएगा, कॉलेज के कौशल संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाया जाएगा तथा शिक्षा और उद्योग के बीच मौजूदा अंतर को दूर करने के लिए जागरूकता बढ़ाया जाएगा। उनके प्रमुख कार्यक्रम, यानी bCAP प्रोग्राम के ज़रिये पहले से चौथे वर्ष के छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और इस तरह कंप्यूटर विज्ञान में छात्रों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए दोनों संस्थान साथ मिलकर काम करेंगे। bCAP कार्यक्रम में स्नातक स्तर की प्रगति, छात्रों को पहले बुनियादी क्षेत्रों में कुशल बनाने और फिर धीरे-धीरे नई एवं उभरती हुई टेक्नोलॉजी में उनकी क्षमता को विकसित करने पर बल दिया जाएगा। इससे छात्रों की रोजगार पाने की क्षमता काफी बढ़ जाएगी और तकनीकी आधार पर नियुक्ति के माहौल में उनके प्रदर्शन को बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी, जो धीरे-धीरे लगातार उभरती हुई टेक्नोलॉजी की ओर बढ़ रहा है। कंप्यूटर विज्ञान के छात्रों के अलावा, बाइटएक्सएल विश्वविद्यालय के पहले बैच के एमबीए छात्रों को भी प्रशिक्षण देगा। टेक्नोलॉजी का उपयोग धीरे-धीरे दूसरे क्षेत्रों में बढ़ रहा है और अब यह सिर्फ कंप्यूटर विज्ञान के छात्रों तक ही सीमित नहीं है। इस बात को ध्यान में रखते हुए बाइटएक्सएल ने एक समयबद्ध कार्यक्रम तैयार किया है, जो एमबीए के भावी छात्रों के लिए उपयोगी होगा और इसके माध्यम से उन्हें डिजिटल मार्केटिंग, डेटा एवं बिजनेस एनालिटिक्स के साथ-साथ कोडिंग पर आधारित कुछ कोर्सेज में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
देवभूमि विश्वविद्यालय के साथ  उत्तराखंड राज्य में प्रवेश करना हमारे लिए बेहद खुशी की बात :श्रीचरण
बाइटएक्सएल के सह-संस्थापक एवं सीएसओ,  श्रीचरण ताडेपल्ली ने कहा कि , “देवभूमि विश्वविद्यालय के साथ हम उत्तराखंड राज्य में प्रवेश कर रहे हैं, जो हमारे लिए बेहद खुशी की बात है। कॉलेजों को बदलने का हमारा मिशन अब पहले से कहीं अधिक केंद्रित हो गया है और हमारे प्रत्येक साझेदार कॉलेज के साथ हमारे काम का दायरा भी काफी बढ़ गया है।
बाइटएक्सएल के साथ साझेदारी को लेकर हम बेहद उत्साहित : बंसल
देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय के प्रो-चांसलर,  अमन बंसल ने कहा कि हम बाइटएक्सएल के साथ साझेदारी को लेकर बेहद उत्साहित हैं और अपने छात्रों तथा कौशल विकास से संबंधित उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हम चाहते हैं कि हमारे छात्र रोजगार पाने के मौजूदा माहौल में दूसरों से आगे रहें। इसलिए हम पहले से अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए एक कार्यक्रम तैयार कर रहे हैं, और हमें पूरा यकीन है कि यह कार्यक्रम सम्मिलित तौर पर उनकी कौशल क्षमताओं को बढ़ाएगा और उन्हें टेक्नोलॉजी के मौजूदा माहौल में एक अलग पहचान दिलाएगा। हम byteXL के साथ मिलकर काम करने और एकजुट होकर शिक्षण के लिए बेहतर इकोसिस्टम के निर्माण के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

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