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मिली बड़ी कामयाबी: उत्तराखंड STF ने 855 लोगों से 21 करोड़ ठगने वाले मास्टरमाइंड  ऋषभ शर्मा को को पकड़ा, निकला चीनी कनेक्शन, आरोपी के खिलाफ देश भर में 37 मुकदमे दर्ज

पैन कार्ड और आधार कार्ड का  करते थे दुरुपयोग
एसटीएफ की टीम ने गुरुग्राम हरियाणा से गिरफ्तार किया 
देहरादून।  एसटीएफ की टीम ने वर्क फ्रॉम होम के नाम पर करीब 21 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने वाले गैंग के सरगना को हरियाणा से गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ देशभर में 37 मुकदमे दर्ज हैं. इनमें 855 आपराधिक मामले हैं. साथ ही आरोपी के चीन से तार जुड़े हुए थे और चीन के लिए काम करता है। साइबर पुलिस को शिकायत मिली थी कि पीड़ित द्वारा ऑनलाइन जॉब की तलाश की जा रही थी,जिसके क्रम में पीड़ित को अपने मोबाइल नंबर पर एक अज्ञात मोबाइल नंबर से व्हाट्सएप मैसेज आता है। इसमें Marriott Bonvoy होटल ग्रुप के लिए वर्क फ्रॉम होम का ऑफर मिला. जिसके बाद पीड़ित को टेलीग्राम एप पर @soni2343 का मैसेज मिला।
फोनकर्ता ने अपना नाम सोनिया बताया. सोनिया ने खुद को Marriott Bonvoy विश्व प्रसिद्ध होटल ग्रुप से होना बताया. सोनिया ने पीड़ित को ग्रुप के लिए वर्क फ्रॉम होम की स्कीम बताकर लाभ कमाने का लालच दिया. शुरुआती दौर में ऑनलाइन होटल की बुकिंग कर कमीशन प्राप्त करने के लिए बताया गया. होटल की बुकिंग के लिए सोनिया ने पीड़ित को एक लिंक https://www.marriottwork.com पर रजिस्ट्रेशन और उसके बाद टेलीग्राम ग्रुप में MARRIOTT BONVOY® 558 का लिंक https://t.me/+CSYSadhAdYk2NDII भेजकर ग्रुप में जोड़ा गया.
देहरादून के युवक से ठगे करीब 20 लाख:अज्ञात आरोपियों ने पीड़ित को टास्क देकर धोखाधड़ी करते अलग-अलग खातों में कुल 19,94,853 रुपये ट्रांसफर कराकर ठग लिया. पीड़ित की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया था। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया गया।गठित टीम को मामले की जांच के बाद आरोपी के हरियाणा का होने का पता चला, जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने ऋषभ शर्मा को गुरुग्राम हरियाणा को गिरफ्तार कर लिया।
ऐसा था  साइबर ठगी का तरीका:साइबर ठगों द्वारा वर्क फ्रॉम होम के काम में रुचि रखने वाले व्यक्तियों को फर्जी होटल की साइट तैयार कर टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ कर होटल की ऑनलाइन बुकिंग का टास्क दिया जाता है. इस टास्क में मोटा कमीशन कमाने का लालच दिया जाता है. लोगों को फांसने के लिए पहले कमीशन के रूप में कुछ धनराशि दी जाती है। जब जाल में फंसे व्यक्ति को विश्वास हो जाता है कि इस काम से उसको घर बैठे ही अच्छा कमीशन मिल रहा है तो वो लालच में फंस जाता है. इसके बाद साइबर ठग उसे मोटे मुनाफे का लालच देकर उसका बैंक अकाउंट ही खाली कर देते हैं।
चीनी ग्राहकों के लिए खोले डमी खाते:आरोपी के अन्य सहयोगियों ने भी चीनी ग्राहकों के लिए डमी बैंक खाते खोले. यह खाते गुजरात (सूरत, बड़ौदा), दिल्ली एनसीआर (गुड़गांव, नोएडा) और पंजाब (लुधियाना) में खोले जाते हैं. फर्जी जीएसटी और आयात-निर्यात पंजीकरण संख्या तैयार की जाती है. फिर बैंक खाते खोले जाते हैं. भारी कमीशन का भुगतान चीनी क्लाइंट्स द्वारा किया जाता है. आरोपी ने खुद चीनी ग्राहक को अपने दो खातों को 02 दिन तक संचालित करने देने के लिए 4.78 लाख रुपये लिए हैं।
यह सभी खाते CURRENT Account खाते हैं, जहां बैंक खाता खोलने के लिए लोगों के पैन कार्ड का उपयोग किया जाता है. जबकि आधार कार्ड एसएमएस अलर्ट खरीद के लिए उपयोग किया जाता है. नेट बैंकिंग क्रेडेंशियल्स विदेशी ग्राहकों को दिए जाते हैं, जो क्रिप्टो खरीद के लिए पैसे का उपयोग करते हैं और मनी ट्रेल मिटा दिया जाता है. उसके बाद में इन बैंक खातों का इस्तेमाल वे अलग-अलग फर्जी निवेश मॉडल में पैसा लेने के लिए करते हैं. साथ ही अब कृषि फर्मों/सोसायटी के नाम पर खाते खोले जा रहे हैं क्योंकि वे रडार/Scrutiny से बचने में आसान हैं।
देशभर में 855 मामलों में  देशभर में 37 केस दर्ज:एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल 
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया है कि आरोपियों के मोबाइल नंबर और बैंक खातों की जांच करने पर जानकारी मिली की देशभर में 855 मामलों में 37 मुकदमे पंजीकृत किये गये हैं। तेलंगाना में 12, दिल्ली में 09, उत्तर प्रदेश में 04, छत्तीसगढ़ में 03, उत्तराखंड में 02, महाराष्ट्र में 02, हरियाणा में 02, कर्नाटक में 02, चंडीगढ़ में 01 समेत कुल 37 आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं. इसी तरह साइबर आपराधिक मामले उत्तर प्रदेश में 187, राजस्थान में 97, महाराष्ट्र में 88, दिल्ली में 70, तेलंगाना में 55, बिहार में 51, हरियाणा में 47 हैं और ये कुल 855 हैं।

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