मुझे दो हारों का कलंक मिटाना हैः हरीश रावत
बहुत सारे लोगों ने पराजय के बाद मेरा साथ छोड़ाः रावत
देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने एक बार फिर भावुक हो कर कहा है कि वह 2017 में दो स्थानों से मिली हार के कलंक को मिटाना चाहते है। हरीश रावत ने सोशल मीडिया में लिखा कि वर्ष 2017 के चुनाव में दो विधानसभा सीटों से हारने और पार्टी के 11 सीटों पर सिमट जाने के अवसाद से वर्ष 2022 में बाहर निकलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह दो हारों के कलंक को मिटाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने पूर्व में की गई गलतियों से सबक लेते हुए भविष्य का रोडमैप सामने रखा। भावनात्मक पोस्ट लिखते हुए जनता से उनका साथ देने की अपील की है। अपने फेसबुक पेज पर हरीश ने लिखा है कि वर्ष 2022 उनके लिए राजनीतिक जीवन के साथ जुड़े हुए वर्ष 2017 के अवसादपूर्ण अध्याय को धोने का अवसर है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15-16 में उनसे कुछ ऐसी गलतियां हुईं, जिनका उन्हें जनता ने दंड दिया। उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा और अगले ही दिन से लोगों के विश्वास को पुनः जीतने के लिए जुट गए। आज परिणाम सार्थक दिखाई दे रहे हैं। उत्तराखंड की जनता सरकार में परिवर्तन लाने के लिए उत्सुक दिखाई दे रही है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश है। हरीश ने कहा कि पराजय में आप, मान-सम्मान गंवाने के साथ कभी-कभी दोस्तों को भी गंवा देते हैं। बहुत सारे लोगों ने पराजय के बाद उनका साथ छोड़ दिया। आज भी उनके कुछ साथी अकल्पनीय स्थिति तक दंड देने को तैयार हैं। हरीश रावत ने कहा जब राज्य की जनता उन पर गुस्सा हुई तो उन्हें दंड मिला, लेकिन राज्य को एक अक्षम सरकार मिली। अब उन्होंने राज्य की जनता से उत्तराखंडियत की रक्षा के लिए पुनः उनका साथ देने की अपील की है।