उत्तराखण्ड

उत्तराखंड और हरियाणा बेरोजगारी के मामले में टॉप परः कांग्रेस

पांच साल के विनाश को विकास बताना हास्यास्पदः राजीव महर्षि
देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि ने प्रदेश में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी की ओर से सरकार के पांच साल के बहाने विकास का ढोल पीटने को हास्यास्पद बताया है। उन्होंने कहा कि दो दशक के दौरान राज्य की दुर्गति करने वाले यही पाँच साल रहे हैं, इस पर अफ़सोस जताने के बजाय भाजपा बेशर्मी से विकास का ढोल बजा रही है जबकि सच तो यह है कि बीते पाँच साल में प्रदेश का विकास होने के स्थान पर विनाश ज्यादा हुआ है। बेशर्मी के इस प्रहसन को जनता अब बर्दाश्त नहीं करेगी।
महर्षि ने कहा कि इस सत्य से भाजपा मुँह कैसे चुरा सकती है कि देश में ओवरऑल बेरोजगारी दर घटने के बावजूद उत्तराखण्ड में बेरोजगारी दर डबल डिजिट में रही है और इस सत्य को सरकारी एजेंसी ही प्रकट कर रही है। बेरोजगारी के मामले में उत्तराखंड और हरियाणा टॉप पर हैं। ये दोनों राज्य भाजपा शासित हैं। आलम यह है कि उत्तराखंड में बेरोजगारी दर शहरी क्षेत्रों में 28 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 22.3 फीसदी है। इससे अधिक निराशाजनक् क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तराखंड और हरियाणा बेरोजगारी के मामले में टॉप पर हैं। उन्होने कहा कि यदि भाजपा इसे विकास मान बैठी है तो भगवान ही उसे बचा सकता है।
महर्षि ने कहा कि यही हाल महंगाई का है। पूरे देश की तरह राज्य में भी महंगाई सुरसा के मुँह की तरह विकराल हो गई है। 450 रुपए का रसोई गैस सिलेंडर हजार रुपए का हो गया है और दाल की कीमतें 80 से बढ़ कर डेढ़ सौ रुपए किलो हो गई है जबकि आम आदमी की क्रय शक्ति जस की तस है। इसी तरह स्वस्थ्य, शिक्षा, बुनियादी सुविधा, पेयजल, सड़क आदि तमाम पैमानों पर उत्तराखण्ड लगातार पीछे खिसक रहा है। इस हालत में विकास का ढोल भाजपा के निरशाजनक प्रदर्शन की पोल खोल रहा है। ऐसे में विकास की बात बेमानी हो गई है। भाजपा को विकास की जुमलेबाजी करने से पहले आत्मचिन्तन कर लेना चाहिए। वैसे भी भाजपा काठ की हांडी है, उसे बार बार चूल्हे पर नहीं चढाया जा सकता। लोग इस मामले में अब फैसला कर चुके हैं।

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