उत्तराखण्ड

भाजपा ने दृष्टि दोष पत्र जारी किया : कांग्रेस

  • दृष्टि पत्र से रोजगार पलायन और महंगाई नदारद: गौरव
  • तीन मुफ्त गैस सिलेंडर वाली योजना कांग्रेस की योजना की कॉपी 
देहरादून। उत्तराखंड भाजपा के घोषणापत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि यह भाजपा का दृष्टि दोष पत्र है, गौरव वल्लभ ने कहा कि भाजपा के 2017 के घोषणा पत्र का मुखपृष्ठ बदलकर 2022 में इसे दृष्टि पत्र के नाम से प्रकाशित कर दिया है। भाजपा के इस दृष्टि पत्र में प्रमुख मुद्दे रोजगार पलायन और महंगाई नदारद है, उद्योगों के नाम पर 13 रुपये प्रतिदिन सब्सिडी देना युवाओं के साथ मजाक से ज्यादा कुछ नहीं है।
बुधवार को कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में गौरव वल्लभ ने कहा कि भाजपा बताए कि केंद्र व राज्य में सरकार होते हुए भाजपा ने अभी तक कितने मेडिकल कॉलेज खोले व स्वास्थ्य, शिक्षा, बेरोजगारी,पर्यटन, महंगाई ,पलायन के मुद्दे पर अभी तक क्या काम किया। तीन मुफ्त गैस सिलेंडर वाली योजना को कांग्रेस की योजना की कॉपी करने की कोशिश करार दिया। कुल मिलाकर कांग्रेस ने भाजपा के इस दृष्टि पत्र को दृष्टि दोष पत्र कहते हुए नकार दिया। इस मौके पर संगठन महामंत्री मथूरा दत्त जोशी आदि मौजूद रहे।
कांग्रेस के घोषणा पत्र की छाया तक भी नही पहुंच पाई भाजपा: अग्रवाल
देहरादून।कांग्रेस ने इसे महज खानापूर्ति बताया। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष व सलाहकार सुरेंद्र कुमार ने भाजपा के घोषणापत्र पर जम कर कटाक्ष किया। कहा बहुत शोर सुनते थे। ये तो कांग्रेस के घोषणा पत्र की छाया तक भी नही पहुंच पाए हैं। लगता है मतदान से पांच दिन पूर्व कांग्रेस के दबाव में खानापूर्ति कर रस्म अदाएगी की गई है।
उन्होंने कहा कि पिछले 2017 रखे गए लोकायुक्त व आर्थिक स्थिति को लेकर श्वेत पत्र की घोषणा को इस बार तो डर के कारण रख ही नहीं पाई। क्योंकि भाजपा ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को तो चौपट कर दिया। लोकायुक्त को अपने नेताओं के किए गये भ्रष्टाचार से बचाने को इस बार नही रखा है। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी केंद्रीय नेता चुनाव में किया गए वादों को स्वयं जुमले बताते हो, उनके दृष्टि पत्र में भी जुमले ही हैं। खेती किसानी के लिए अपनी ज़िम्मेदारी से पार्टी बचती नज़र आइ। ना ही युवाओं को रोज़गार , छोटे व्यापारियों व जनता को महंगाई से राहत के लिए दृष्टि भी गायब है। उन्होंने कहा कि भाजापा का अपना रिकार्ड अपनी घोषणाओं का पालन करने में बहुत खराब है। पाँच वर्ष का भाजापा का केंद्र व राज्य का कार्यकाल निराशजनक व असफलताओं का रहा है। दृष्टि पत्र ने भी जनता को निराश ही किया होगा।

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