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रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ा एक और कदम

केंद्र ने रणनीतिक महत्व की 107 उप प्रणालियों का आयात रोका
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए 107 रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लाइन रिप्लेसमेंट इकाइयों या उप प्रणालियों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। मंत्रालय ने कहा, श्रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के सतत प्रयास और श्आत्मनिर्भर भारतश् के तहत रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (डीपीएसयू) द्वारा आयात कम करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने समय सीमा के साथ 107 रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लाइन रिप्लेसमेंट इकाइयों-उप प्रणालियों की दूसरी सूची को मंजूरी दी है। तय समय के बाद इनका आयात नहीं किया जाएगा।श्
आने वाले वषरें में इन 107 उप प्रणालियों का स्वदेशीकरण किया जाएगा। सूची में उनमें से प्रत्येक के सामने बताई गई समय-सीमा के बाद भारतीय उद्योग से ही उनकी खरीद की जाएगी। डीपीएसयू द्वारा इन वस्तुओं का ‘मेक’ श्रेणी के तहत स्वदेशीकरण किया जाएगा। श्मेकश् श्रेणी का उद्देश्य भारतीय उद्योगों की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी के माध्यम से आत्मनिर्भरता हासिल करना है।
उद्योग द्वारा उपकरणों, प्रणालियों, प्रमुख प्लेटफामरें या उनके अपग्रेड, डिजाइन एवं विकास से संबंधित प्रोजेक्ट को इस श्रेणी के तहत लिया जा सकेगा। उद्योग की अगुआई वाले डिजाइन और विकास के लिए पहचाने गए एलआरयू, उप-प्रणालियों की डीपीएसयू पेशकश करेगा। प्रमुख रक्षा प्लेटफामरें के निर्माण की आपूर्ति श्रृंखलाओं में यह भारतीय उद्योग के लिए एकीकृत होने का एक बड़ा अवसर होगा।
भारत-उज्बेकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास डस्टलिक के तीसरे संस्करण की शुरुआत हुई। उद्घाटन समारोह के दौरान संयुक्त अभ्यास में भाग ले रहे दोनों देशों के राष्ट्रीय ध्वज फहराए गए और उसके बाद राष्ट्र गान के धुन बजाए गए। अभ्यास में भाग लेने के लिए भारतीय सेना का दस्ता मंगलवार को उज्बेकिस्तान पहुंचा।
यह संयुक्त अभ्यास संयुक्त राष्ट्र की भावना के तहत अर्ध शहरी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों पर केंद्रित रहेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम मुख्य रूप से सामरिक स्तर के अभ्यासों को साझा करने और एक दूसरे से बेहतर सीखने पर केंद्रित होगा। अभ्यास का उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच समझदारी, सहयोग और पारस्परिकता को बढ़ाना है। उज्बेकिस्तान के यांगिआरिक में 22 मार्च से शुरू हुआ अभ्यास का तीसरा संस्करण 31 मार्च तक जारी रहेगा।

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