कर्नाटक के मंदिर परिसरों में मुसलमानों के व्यापार करने पर रोक की मांग
उडुपी। मंदिर महोत्सव और हिंदुओं के धार्मिक आयोजनों के दौरान मंदिर परिसरों में अन्य धर्म के लोगों को व्यापार नहीं करने देने की मांग अब पूरे कर्नाटक के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही है। पिछले दिनों उडुपी जिले के कापू शहर में मारीगुड़ी मंदिर प्रबंधन ने वार्षिक मंदिर महोत्सव के दौरान अन्य धर्म के लोगों को अपनी जमीन पर व्यापार नहीं करने देने का फैसला किया था। यह फैसला कुछ हिंदू संगठनों की मांग पर किया गया। अब इसी तरह की मांग पदुबिदरी मंदिर और दक्षिण कन्नड़ जिले के कुछ मंदिरों में भी की जा रही है। कुछ हिंदू संगठनों ने कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम, 1997 के तहत 2002 में बनाए गए नियमों का हवाला देते हुए इस संबंध में राज्य के विभिन्न हिस्सों में अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है। सूत्रों ने कहा कि मांड्या, शिमोगा, तुमकुरु और हसन समेत अन्य जगहों पर हिंदू संगठनों ने ज्ञापन सौंपकर मंदिर प्रबंधन से गैर हिंदुओं को मंदिर परिसर में व्यापार करने की अनुमति नहीं देने की मांग की। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की मैसूर इकाई ने शनिवार को मुजराई (बंदोबस्ती) विभाग के अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपकर कहा कि वे गैर-हिंदू व्यापारियों को वार्षिक मंदिर मेलों और धार्मिक आयोजनों के दौरान व्यापार करने की अनुमति न दें। अधिकारियों से मैसूर में चामुंडेश्र्वरी मंदिर के पास मुस्लिम व्यापारियों को दी गई दुकानों के मामले में आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया। हिंदू संगठनों का आरोप है कि मुसलमानों ने हिजाब मुद्दे पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ बंद का समर्थन किया था। यह न्यायिक प्रणाली के प्रति उनकी अवहेलना को दर्शाता है।