उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड की पांचवी विधानसभा के सत्र का दूसरा दिन रहा हंगामेंदार

  • कांग्रेस के सभी सदस्यों ने अलग-अलग अपनी बात रखी
  • सरकार ने सदन में कई विधेयक व अध्यादेश पटल पर रखी
  • विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
    देहरादून। विधानसभा सत्र का दूसरा दिन हंगामेदार रहा। एक तरफ सदन में कई विधेयक और अध्यादेश पटल पर रखे गए, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने महंगाई के मुद्दे को लेकर नियम 58 के तहत सवाल खड़े किए। इस दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ. संतोषजनक जवाब न मिलने पर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। मंहगाई के मुद्दे पर सदन में कई बार हंगामा हुआ । संतोषजनक जवाब न मिलने पर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। वहीं सरकार ने सदन में कई विधेयक व अध्यादेश पटल पर रखे। वरिष्ठ विधायक प्रीतम सिंह ने सबसे पहले मंहगाई पर सरकार को घेरते हुए कहा कि सत्ता में बैठे लोगों ने कहा था कि डबल इंजन की सरकार आएगी तो महंगाई पर अंकुश लगेगा। उन्होंने कहा कि मंहगाई पर अंकुश तो क्या लगता मगर इसे बढ़ाने का काम जरूर हो रहा है। प्रीतम सिंह ने कहा कि पिछले सात दिन से पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पेट्रोल ने शतक मार दिया है। पेट्रोल 100 पार, डीजल 90 पार, गैस सिलेंडर 400 से बढ़कर 1000 पार हो गया है। दूरस्थ इलाकों में गैस सिलेंडर 1500 रुपये में पहुंच रहा है। सरकार ने एक हाथ से देने का काम किया और दूसरे हाथ से लेने का। थोक डीजल में 25 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की। बड़े उद्योगों में ऐसा होगा तो जनता पर ही इसका असर आएगा। 2014 की कांग्रेस सरकार में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 132 डॉलर तक जा रहा था तो सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दामों पर नियंत्रण रऽा। तब डीजल 55-71 रूपये और पेट्रोल 71.40 रूपये प्रति लीटर था। अब क्रुड ऑयल के दाम 32 डॉलर प्रति बैरल है फिर भी पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाये जा रहे हैं। इस सरकार ने 13 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का काम किया है। प्रीतम ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों ने कहा कि जिन लोगों के पांव में चप्पल है उन्हें भी हवाई जहाज में सैर करने का मौका मिलेगा। मगर जब हवाई जहाज ही बेच दिए तो सैर कैसे होगी। जब चुनाव होता है तो महंगाई काबू होती है और चुनाव के बाद तत्काल महंगाई शुरू हो जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जनता के एक हाथ से देने का काम किया तो वहीं अब दोनों हाथों से लूटने का काम किया जा रहा है। सरिया सीमेंट, रेत और बजरी सभी मंहगे हो गए हैं खाद्य पदार्थों के दाम दिनों दिन आसमान छू रहे हैं। मंहगाई के मुद्दे पर यशपाल आर्य, ममता राकेश, फुरकान अहमद, विक्रम सिंह नेगी, आदेश चैहान, अनुपमा रावत, हरीश धामी, राजेंद्र भंडारी, सुमित हृदयेश, खुशाल सिंह अधिकारी, गोपाल सिंह राणा, विरेंद्र कुमार, इंजीनियर रवि बहादुर ने भी मंहगाई को लेकर सरकार को घेरा और अपनी बात रखी।

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