प्रवासी भारतीयों के हितों की हिफाजत करेगी सरकार
1983 के इमीग्रेशन कानून की जगह नया इमीग्रेशन कानून लाने की तैयारी
नई दिल्ली। सरकार विदेशों में काम करने वाले प्रवासी भारतीयों के हितों की हिफाजत के पुख्ता इंतजाम में जुट गई है। इसके लिए 1983 के आव्रजन (इमीग्रेशन) कानून में बदलाव कर धोखाधड़ी करने वाले बिचैलियों और प्लेसमेंट एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रविधान किया जा रहा है। यही नहीं, विदेशी धरती पर अदालती कार्रवाई का सामना करने वाले या जेल की सजा भुगतने वाले प्रवासी भारतीयों को कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार की कोशिश इसी साल नया इमीग्रेशन कानून संसद से पारित कराने की है। पूरी दुनिया में लगभग दो करोड़ प्रवासी भारतीय रह रहे हैं और हर साल लाखों भारतीय काम की तलाश में विदेश जा रहे हैं। लेकिन कानूनी और प्रशासनिक ढांचा नहीं होने के कारण उनमें से बहुत सारे लोगों को विदेशी धरती पर विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। इनमें विदेश जाने के बाद सेवा शर्तों में बदलाव, अत्यधिक काम और कम वेतन, सारे दस्तावेज जब्त कर जबरन काम करने के लिए मजबूर करना, फर्जी केस बनाकर कानूनी कार्रवाई जैसी शिकायतें आम हैं।