राष्ट्रीय

आजादी के गुमनाम नायकों को अब जानेगा पूरा देश

 तेज होगी तलाश, केंद्र ने राज्यों को दिया खोज निकालने का लक्ष्य
नई दिल्ली। देश की आजादी के लिए मर-मिटने वाले वीर योद्धाओं और आंदोलनों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने वाले गुमनाम नायकों को अब पूरा देश जानेगा। आजादी के अमृत महोत्सव के इस पड़ाव में केंद्र सरकार ने देश भर से ऐसे गुमनाम नायकों को खोज निकालने की एक बड़ी मुहिम शुरू की है, जिन्हें या तो लोग भूल चुके है फिर आजादी में दिया गया उनका योगदान स्थानीय स्तर पर ही सिमटकर रह गया था। केंद्र ने सभी राज्यों से भी इस दिशा में बढ़ चढ़कर काम करने पर जोर दिया है।
केंद्र सरकार की ओर से संस्कृति मंत्रालय ने सभी राज्यों को ऐसे एक लाख गुमनाम नायकों को खोज निकालने का लक्ष्य दिया है। साथ ही बताया है कि इस मुहिम के तहत अब तक देशभर से दो हजार नायकों को खोजकर निकाला जा चुका है। इनसे जुड़ी जानकारी को आजादी के अमृत महोत्सव के पोर्टल पर गुमनाम नायकों के नाम से प्रदर्शित की जा रही है।
मंत्रालय के मुताबिक देशभर से ऐसे गुमनाम नायकों की पहचान के बाद इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की भी मुहिम शुरू की जाएगी। साथ ही इनकी यादों को सहेजने की भी कोशिश की जाएगी। हालांकि, अभी इसका स्वरूप तय नहीं किया गया है।
संस्कृति मंत्रालय फिलहाल राज्यों से मिल रही गुमनाम नायकों से जुड़ी जानकारियों की प्रामाणिकता को जांचने के बाद उन्हें तेजी से आजादी के अमृत महोत्सव पोर्टल पर अपलोड करने में जुटी है। इसके तहत उत्तर प्रदेश से अब तक 63 गुमनाम नायकों को अपलोड दिया गया है, जिसमें प्रतापगढ़ के पंडित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय व जग्गी बाई हो या फिर प्रयागराज की दुर्गा भाभी हो। सभी शामिल है। इसी तरह से बिहार से 86 नायकों को अब तक राष्ट्रीय स्तर पर तैयार हो रही गुमनाम नायकों की सूची में शामिल किया गया है।

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