बुजुर्गों के लिए सौ से ज्यादा जिलों में खुलेंगे नए वृद्धाश्रम
केंद्र ने राज्यों से मांगे प्रस्ताव, करीब 490 जिलों में नहीं है एक भी आश्रम
नई दिल्ली। देश में बुजुर्गों की बढ़ती संख्या को देख केंद्र सरकार ने उनसे जुड़ी सुविधाओं को बढ़ाने में तेजी से लगी है। इस लिहाज से जो अहम कदम उठाया गया है, उसके तहत देश के उन सभी जिलों में अब वृद्धाश्रम खोले जाएंगे जहां अभी तक एक भी वृद्धाश्रम नहीं है। फिलहाल पहले चरण में देश के करीब 103 जिलों में नए वृद्धाश्रम खोलने की योजना बनाई गई है। इस संबंध में राज्यों से प्रस्ताव मांगे गए हैं।
अभी देश के करीब 250 जिलों में ही बुजुर्गों के रहने के लिए वृद्धाश्रम है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। साथ ही राज्यों से 25 मई तक इसके प्रस्ताव मुहैया कराने के लिए कहा है। खास बात यह है कि इनमें से करीब 33 जिलों में 52 वृद्धाश्रम ऐसे खोले जाएंगे, जिनके लिए राज्यों को जमीन या फिर निशुल्क भवन उपलब्ध कराना होगा। बाकी के करीब 70 जिलों में इनका संचालन निजी स्वयंसेवी संस्थाओं (एनजीओ) या ट्रस्ट के जरिये किया जाएगा।
मंत्रालय के मुताबिक 25 जिलों को छोड़कर सभी जिलों में यह वृद्धाश्रम 25 लोगों की क्षमता वाले होंगे, जबकि इन 25 जिलों में यह पचास लोगों की क्षमता वाले होंगे। मंत्रालय ने इसके साथ अपने उस नियम को शिथिल कर दिया है, जिसमें यह तय किया गया था जब तक सभी जिलों में एक-एक वृद्धाश्रम नहीं खुल जाता तब तक किसी भी जिले में दूसरा वृद्धाश्रम नहीं खोला जाएगा। लेकिन इस अधिसूचना में मंत्रालय ने कई ऐसे जिलों को चिह्नित किया है, जहां एक साथ दो वृद्धाश्रमों को खोलने की योजना बनाई है। हालांकि ऐसे जिलों की संख्या कुल नौ है। इनमें से भोपाल में एक साथ पांच नए वृद्धाश्रमों को खोलने की प्रस्ताव किया गया है। इस प्रस्तावित योजना के तहत सभी वृद्धाश्रम बुजुर्गो की जरूरत और स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस होंगे।
मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के मौजूदा करीब 740 जिलों में से करीब 490 ऐसे जिले है, जहां अभी एक भी वृद्धाश्रम नहीं है। वहीं जिन राज्यों में सबसे ज्यादा वृद्धाश्रम है, उनमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक व आंध्र प्रदेश आगे हैं। मौजूदा समय में देश के करीब 250 जिलों में करीब 400 वृद्धाश्रम संचालित हैं। गौरतलब है कि सरकार ने यह तेजी इसलिए भी दिखाई है, क्योंकि देश में बुजुर्गो की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मौजूदा समय में देश में बुजुर्गो की कुल संख्या करीब 14 करोड़ है। वर्ष 2050 तक इनकी संख्या करीब 30 करोड़ होने का अनुमान है।