उत्तराखण्ड

कल सुबह खोले जाएंगे भगवान केदारनाथ धाम के कपाट

विभिन्न पड़ावों पर भक्तों ने फूल व अक्षत से डोली का भव्य स्वागत किया
रुद्रप्रयाग। बारह ज्योतिर्लिंगों में शामिल बाबा केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली गुरुवार को केदारपुरी पहुंचेगी। बुधवार को डोली रात्रि प्रवास के लिए फाटा से अपने तीसरे पड़ाव गौरीकुंड पहुंची। विभिन्न पड़ावों पर भक्तों ने फूल व अक्षत से डोली का भव्य स्वागत किया। इस दौरान मराठा रेजीमेंट के बैंड की मधुर लहरियों के बीच बाबा के जयघोष से वातावरण शिवमय हो गया।
डोली दो मई को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से केदारपुरी के लिए रवाना हुई थी। मंगलवार को डोली ने फाटा में रात्रि प्रवास किया। बुधवार सुबह आठ बजे मुख्य पुजारी टी.गंगाधर लिंग ने पंचमुखी डोली की विशेष पूजा-अर्चना कर बाबा को भोग लगाया और फिर डोली गौरीकुंड के लिए रवाना हुई। बड़ासू, सेरसी, रामपुर, सीतापुर व सोनप्रयाग होते हुए देर शाम डोली गौरीकुंड पहुंची। इससे पूर्व, बीती रात पंचकेदार सांस्कृतिक मंच की ओर से भजन संध्या का आयोजन हुआ। इस दौरान लोक गायक विक्रम कप्रवान, कुलदीप कप्रवान, पूनम सती, सुमान सिंह रौथाण ने बाबा के भजनों की प्रस्तुतियां दीं। जबकि, केदारघाटी होटल एसोसिएशन की ओर से भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन किया गया।
पंचकेदार में तृतीय भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने बुधवार को भी मक्कूमठ स्थित भूतनाथ मंदिर में विश्राम किया। गुरुवार को डोली चोपता पहुंचेगी और छह मई को तुंगनाथ मंदिर में विराजमान हो जाएगी।
उत्तरकाशी स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते ही यात्रा रफ्तार पकडने लगी है। पहले दिन दोनों धाम में यात्रियों की भीड़ उमड़ी थी। इसका अवसर बुधवार सुबह यात्रा मार्गों पर भी दिखा। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई जगह जाम की स्थिति रही। सबसे बदहाल स्थिति ओरछा बैंड से जंगलचट्टी के बीच करीब छह किमी क्षेत्र में रही।

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