राष्ट्रीय

एटीएम धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ 

विकासनगर। पुलिस ने विकासनगर और ऋषिकेश में एटीएम कार्ड बदलकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। मामले में तीन सगे भाइयों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से कई एटीएम कार्ड बरामद हुए है। पुलिस ने सभी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है।
हरबर्टपुर निवासी सावित्री देवी पत्नी सुनील दत्त ने बीती गुरुवार को तहरीर देकर अज्ञात लोगों पर एटीएम बदलकर खाते से रुपये निकालने का आरोप लगाया था। मोबाइल पर रुपये निकाले जाने का मैसेज पढ़कर उन्हें ठगी की जानकारी मिली। इसी दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि ऋषिकेश में भी अज्ञात बदमाशों ने दो लोगों के एटीएम कार्ड बदलकर उनके खाते से पच्चीस-पच्चीस हजार रुपये उड़ा लिए। ऋषिकेश थाना पुलिस ने भी अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था। गहन पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली कि आरोपी एचआर 26 सीएफ 9993 स्विफ्ट कार में सवार होकर जगह-जगह धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। कोतवाली पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए अलग-अलग टीमें गठित कर हिमाचल की सीमा से लगे कुल्हा बॉर्डर, बरोटीवाला चौक, विकासनगर बाजार, बाबूगढ़ चौक, हरबर्टपुर, डाकपत्थर बैराज आदि क्षेत्रों में सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान कुल्हाल बार्डर पर पुलिस ने चिह्नित स्विफ्ट कार से पांच लोगों से पूछताछ की। तलाशी लेने पर तीन सगे भाई बलविंदर सिंह, राजेश, राजकुमार उर्फ चिन्नू पुत्र मोलूराम, प्रवीण कुमार पुत्र सुरेश और रिंकू कुमार पुत्र जय सिंह निवासी जिला कुरुक्षेत्र हरियाणा से अलग-अलग बैंकों के 135 एटीएम कार्ड और 35 हजार रुपये बरामद किए। डीआईजी देहरादून जन्मेजय खंडूरी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। सभी को न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया है।
एटीएम बदलकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह की धरपकड़ के लिए पुलिस की ओर से टीमें बनाई गई थीं। इनमें कोतवाल रविंद्र शाह, चौकी प्रभारी विकासनगर पंकज कुमार, चौकी प्रभारी हरबर्टपुर पंकज तिवारी, चौकी प्रभारी कुल्हाल रजनीश कुमार, यूटी दीपक चौहान, कांस्टेबल राजकुमार, मनजीत और रईस शामिल रहे।
डीआईजी ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के लिए दो आरोपी एटीएम के अंदर जाकर ग्राहक का पिन और संबंधित बैंक के एटीएम कार्ड संबंधी जानकारी ले लिया करते थे। इसके बाद ग्राहक को झांसा देकर कार्ड बदल देते थे। उस समय आरोपी ग्राहक के साथ ही एटीएम से निकल जाते थे, लेकिन कुछ देर बाद वह दूसरे एटीएम से नगदी निकालकर रुपये उड़ा लेते थे।
पुलिस ने खुलासा किया कि एटीएम से नगदी निकालते समय साथी आरोपी बाहर नजर बनाए रखते थे। जबकि एक साथी कार दौड़ाने के लिए तैयार रहता था। एटीएम से नगदी निकलते ही सभी आरोपी कार में बैठकर तत्काल शहर छोड़ दिया करते थे। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने ऋषिकेश, रुड्की, विकासनगर व पांवटा में अपना ठिकाना बनाया हुआ था। जिससे कि वह पकड़ में न आ सकें।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनके निशाने पर महिलाएं, बुजुर्ग और ग्रामीण रहते थे। आरोपी इन लोगों को एटीएम संबंधी ज्यादा जानकारी नहीं होने का फायदा उठाते थे। सीधे-सादे लोगों से एटीएम कार्ड का पिन, बैंक की जानकारी और कार्ड बदलने में उन्हें ज्यादा दिक्कत नहीं आती थी।

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