दुनिया के साथ बैठकर ही पर्यटन की बात करनी पड़तीः महाराज
पर्यटन की असीम संभावनाओं को देखते हुए उत्तराखंड आने के इच्छुक इन्वेस्टर
देहरादून/दुबई । पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि दुबई में आयोजित चार दिवसीय अरेबियन ट्रैवल मार्केट (एटीएम) जहाँ दुनियां भर के टूर ऑपरेटर और पर्यटन से जुड़े लोग एकत्र हो रहे हों, ऐसे विश्व स्तरीय आयोजन में उत्तराखंड के प्रतिभाग करने पर उन्हें प्रसन्नता व्यक्त करनी चाहिए थी। उन्हें शायद नहीं पता कि जब पर्यटन को विश्व मानचित्र पर लाने की बात करते हैं तो हमें दुनियां के साथ बैठकर ही बात करनी पड़ेगी।
प्रदेश के पर्यटन मंत्री महाराज ने प्रीतम सिंह के बयान को उनकी अपरिपक्वता और नामझी बताते हुए कहा कि ने दुबई में आयोजित चार दिवसीय अरेबियन ट्रैवल मार्केट (एटीएम) जहाँ दुनियां भर के टूर ऑपरेटर और पर्यटन से जुड़े लोग इकठ्ठा हो रहे हों, ऐसे विश्व स्तरीय आयोजन में उत्तराखंड के प्रतिभाग करने पर उन्हें प्रसन्नता व्यक्त करनी चाहिए थी। लेकिन उन्होने ऐसा न करके अनाप शनाप बयानबाजी कर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में उत्तराखंड पर्यटन को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। अब जबकि विश्व के पर्यटक और इन्वेस्टर यहां आना चाहते हैं, वह यहां के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ साहसिक पर्यटन, स्कीइंग व अन्य गतिविधियों को देखना चाहते हैं। ऐसे में हमारा प्रयास भी यही है कि अधिक से अधिक पर्यटक और इन्वेस्टर उत्तराखंड आएं। पर्यटन मंत्री को पर्यटन बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार की पहल करनी ही होती है। जहां तक चारधाम यात्रा का सवाल है तो चार धामयात्रा के लिए पूर्व में ही सभी तैयारियां एवं विभागों की मेरे द्वारा मॉनिटरिंग की जा चुकी है। यात्रियों की बढ़ती तादाद को देखते हुए पूर्व में ही स्पष्ट हिदायत दे दी गई है कैरिंग कैपेसिटी और चिकित्सकीय जांच के बाद ही यात्री चारधाम की यात्रा कर सकते हैं। श्री महाराज ने कहा कि दुबई में आयोजित चार दिवसीय अरेबियन ट्रैवल मार्केट (एटीएम) में प्रतिभाग करने का उनका यह कार्यक्रम पहले से ही तय था। हम चाहते हैं कि हमारा एडवेंचर स्पोर्ट्स, स्कीइंग टूरिज्म, होम स्टे बढे़ और टिहरी लेक में जल क्रीडा़यें हों। इसके लिए विदेशों में टूरिज्म की दृष्टि से होने वाली गतिविधियों का आमंत्रण मिलने पर वहां जाना ही पड़ता है।