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राजनाथ सिंह ने कहा, हम न केवल मेक-इन-इंडिया बल्कि मेक-फार-वर्ल्ड के लिए भी लक्ष्य रखेंगे

मुबंई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यदि कोई देश क्षेत्रीय या वैश्विक शक्ति बनना चाहता है तो उसके लिए एक मजबूत नौसैनिक बल की आवश्यकता होती है। रक्षा मंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे भारत एक मजबूत, समृद्ध और सुरक्षित राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है, नौसेना इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
मुंबई में मझगांव डाक्स लिमिटेड (एमडीएल) में भारतीय नौसेना के दो फ्रंटलाइन युद्धपोतों -‘उदयगिरी और आईएनएस’ सूरत श्के सफल प्रक्षेपण के बाद, हमें विश्वास है कि हम न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी जहाज निर्माण करेंगे। उन्होंने कहा, श्हम न केवल मेक-इन-इंडिया बल्कि मेक-फार-वर्ल्ड के लिए भी लक्ष्य रखेंगे।श्
सिंह ने युद्धपोतों को देश की समुद्री क्षमता बढ़ाने के लिए केंद्र की अटूट प्रतिबद्धता का जिक्र किया। उन्होंने कहा हमें ‘आत्मनिर्भरता’ पर जोर देने की जरूरत है। उन्होंने एमडीएल को कोरोना महामारी के बावजूद जहाज उत्पादन गतिविधियों को जारी रखने और वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में भारतीय नौसेना की रणनीतिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बधाई दी। रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों युद्धपोत भारतीय नौसेना के शस्त्रागार में ताकत जोड़ेंगे और दुनिया को भारत की रणनीतिक ताकत के साथ-साथ आत्मनिर्भरता की शक्ति का प्रतिनिधित्व करेंगे।
नौसेना परंपराओं को ध्यान में रखते हुए, अध्यक्ष एनडब्ल्यूडब्ल्यूए (पश्चिमी क्षेत्र) श्रीमती चारू सिंह और सीएमडी, एमडीएल की पत्नी जयश्री प्रसाद ने क्रमशः श्सूरतश् और श्उदयगिरीश् जहाजों को आशीर्वाद दिया और नाम दिया। इस अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और भारतीय नौसेना और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
आज लान्च किए गए सूरत वारशिप का वजन 7400 टन है। इसकी लंबाई 163 मीटर है। आईएनएस सूरत की स्पीड 56 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इसमें रडार को चकमा देने की प्रणाली है। इस वारशिप को ब्लाक निर्माण पद्धति का उपयोग करके बनाया गया है। इसमें दो अलग-अलग भौगोलिक स्थानों पर पतवार निर्माण शामिल है और एमडीएल, मुंबई में एक साथ जुड़ गया है। इस श्रेणी के पहले जहाज को 2021 में कमीशन किया गया था। दूसरे और तीसरे जहाजों को लान्च किया गया है और वे आउटफिटिंग / परीक्षण के विभिन्न चरणों में हैं।
भारत में ही निर्मित उदयगिरि वारशिप आधुनिक सुविधाओं और उन्नत हथियारों से लैस है। यह उन्नत हथियार, सेंसर और प्लेटफार्म मैनेजमेंट सिस्टम से सुसज्जित है। प्छै उदयगिरि सीरीज के युद्धपोत कई दशकों के लिए नौसेना के लिए काम कर रहे हैं। ‘उदयगिरि’ पूर्ववर्ती ‘उदयगिरि’, लिएंडर क्लास एएसडब्ल्यू फ्रिगेट का एडवांस वर्जन है। 18 फरवरी 1976 से 24 अगस्त 2007 तक इसने तीन दशकों में देश के लिए अपनी शानदार सेवा में कई चुनौतीपूर्ण आपरेशन का सामना किया। कार्यक्रम के तहत, एमडीएल में 04 और जीआरएसई में 03 के साथ कुल सात जहाज निर्माणाधीन हैं।

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