राष्ट्रीय

सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा नियंत्रक से कहा, अंकों में अंतर के बारे में शिकायतों पर करें पुनर्विचार

नई दिल्ली। सीबीएसई और प्रतिवादी स्कूल द्वारा अंकों की गणना में अंतर के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा नियंत्रक को याचिकाकर्ताओं की शिकायतों पर पुनर्विचार करने और दो हफ्ते में उचित फैसला लेने का निर्देश दिया है। जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस जेबी पार्डीवाला की पीठ ने परीक्षा नियंत्रक से कहा कि वह एल्गोरिथम/साफ्टवेयर के प्रवाह की व्याख्या करने के लिए तकनीकी टीम की सहायता लें, जो छात्र-वार अलग-अलग अंकों की अलग-अलग कटौती का प्रविधान करता है।
शीर्ष अदालत उन छात्रों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने सीबीएसई और प्रतिवादी स्कूलों द्वारा अंकों की गणना में अंतर का मुद्दा उठाया है। एक याचिका के मुताबिक, स्कूल ने तय फार्मूले के मुताबिक 10वीं, 11वीं और 12वीं के लिए 106, 88 और 234 अंक फारवर्ड किए थे जिनका योग 428 होता है, लेकिन याचिकाकर्ता को जो अंक प्राप्त हुए वो 364 थे।
इसलिए प्रतिवादी स्कूल और बोर्ड द्वारा दिए गए अंकों में 64 का अंतर था। सर्वाेच्घ्च अदालत ने कहा कि परीक्षा नियंत्रक द्वारा 31 दिसंबर 2021 को पारित आदेश में न तो इस पहलू पर ध्यान दिया गया और ना ही इससे निपटा गया है। ऐसे में हम परीक्षा नियंत्रक को याचिकाकर्ताओं की उपरोक्त शिकायतों पर पुनर्विचार करने और उचित निर्णय लेने का निर्देश देना उचित समझते हैं। सर्वाेच्च अदालत ने कहा कि हमें इस विवादास्पद मुद्दे पर किसी भी तरह से कोई राय नहीं व्यक्त कर सकते हैं। परीक्षा नियंत्रक की ओर से सभी पहलुओं पर विचार किया जा सकता है। इस मसले पर उचित आदेश दो हफ्ते के भीतर पारित किया जा सकता है। इसके साथ ही सर्वाेच्घ्च अदालत ने मामले पर 12 जुलाई की तारीख तय कर दी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button