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घाटी में ही रहेंगे कश्मीरी हिंदू, गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों को दिए सख्त कदम उठाने के निर्देश

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग रोकने के लिए सख्त और सटीक कदम उठाए जाएंगे। कश्मीर घाटी से हिंदुओं को बाहर नहीं निकाला जाएगा। घाटी में ही उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इसके लिए तैयार रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। शाह ने सुरक्षा एजेंसियों को टारगेट किलिंग जैसी घटनाओं में शामिल आतंकियों और उनसे जुड़े ओवर ग्राउंड वर्कर्स के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ किया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को पूरी तरह से समाप्त करना और सीमा पार से जीरो घुसपैठ का लक्ष्य हासिल करना सरकार की प्राथमिकता है। पिछले कुछ दिनों से कश्मीर घाटी में हिंदुओं को निशाना बनाए जाने की घटनाओं के बाद गृह मंत्रालय में हुई पहली उच्च स्तरीय बैठक में अमित शाह के साथ ही जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, एनएसए अजीत डोभाल, रा प्रमुख सामंत गोयल, आइबी प्रमुख अरविंद कुमार, थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, गृह सचिव अजय भल्ला और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। दो हफ्ते के भीतर जम्मू-कश्मीर के हालात पर अमित शाह की यह दूसरी उच्च स्तरीय बैठक थी।
बैठक में सुरक्षा एजेंसियों की ओर से बताया गया कि बड़ी आतंकी वारदातों को अंजाम देने में विफल होने के बाद आतंकी हताशा में साफ्ट टारगेट को निशाना बना रहे हैं और यह काम युवाओं को पैसे देकर कराया जा रहा है। एजेंसियों ने भरोसा दिया कि पिछले साल अक्टूबर में वे इसी तरह के हाइब्रिड आतंकियों से निपटने में कामयाब रहे थे और इस बार भी उनपर लगाम लगाने में सफल होंगे।
बैठक में भाग लेने आए जम्मू-कश्मीर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टारगेट किलिंग को देखते हुए कश्मीर घाटी से हिंदुओं को बाहर निकाले जाने की मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि फिलहाल लगभग छह हजार हिंदू कर्मचारियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। लेकिन उन्हें पूरी तरह से घाटी से निकालने की 1990 की गलती नहीं दोहराई जाएगी।

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