उत्तराखण्ड
मुख्यमंत्री धामी ने किया दो दिवसीय चिंतन शिविर का शुभारंभ
- सीएम ने कहा, उत्तराखंड में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये सरकार प्रतिबद्ध
- सीएम ने सरकारी स्कूलों में घटती छात्र संख्या पर जताई चिन्ता
देहरादून। उत्तराखंड में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये सरकार प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य को लेकर शिक्षा विभाग विभागीय अधिकारियों के लिये इंडियन पब्लिक स्कूल राजवाला देहरादून में शुक्रवार को दो दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया गया, जिसका शुभारंभ सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। शुभारंभ अवसर मुख्यमंत्री धामी एवं विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने एनईपी के तहत राज्य शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद देहरादून की ओर से तैयार बालवाटिका एवं बालवाटिका अभ्यास पुस्तिका का विमोचन किया गया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार एक सामूहिक जिम्मेदारी का कार्य है। जिस पर सभी की चिंतन-मनन करना होगा। उन्होंने कहा कि जब उत्तराखंड वर्ष 2025 में अपनी रजत जयंती मन रहा होगा तब प्रत्येक विभाग के पास अपनी-अपनी विशेष उपलब्धि होनी चाहिये। मुख्यमंत्री धामी ने आशा व्यक्त की कि शिक्षा विभाग के इस चिंतन शिविर में जो चिंतन होगा, उसके आने वाले समय में सुखद परिणाम आयेंगे। उन्होंने सरकारी स्कूलों में घटती छात्र संख्या पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने की चुनौती एवं गुणात्मक शिक्षा के उपायों पर इस शिविर में गहनता से मंथन किया जाय। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या घटने के कारणों एवं इसको बढ़ाने के लिए गहनता से ध्यान देने की जरूरत है। नौनिहालों के व्यक्तित्व निर्माण में शिक्षा विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में शिक्षा के क्षेत्र में नई शिक्षा नीति एक क्रान्तिकारी परिवर्तन है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का लक्ष्य विद्यालयी शिक्षा के सभी स्तरों पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हुए श्रेष्ठ मानव का निर्माण करना है। यह शिक्षा नीति प्राचीन भारतीय सनातन ज्ञान और विचार की समृद्ध परंपरा के आलोक में तैयार की गयी है, जो प्रत्येक व्यक्ति में निहित रचनात्मक क्षमताओं के विकास पर विशेष ज़ोर देती है। इस नीति का लक्ष्य एक ऐसी शिक्षा प्रणाली को विकसित करना है, जो भारतीय ज्ञान परंपरा और मूल्यों से परिपूर्ण हो। उन्होंने कहा कि हर्ष का विषय है कि उत्तराखण्ड राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों को यथावत् लागू करने वाला देश का प्रथम राज्य बनने जा रहा है।
चिंतन शिविर में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन ने नई शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखे। इसके अलावा विभागीय अधिकारियों ने विभिन्न विषयों पर अपना-अपना प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर स्थानीय विधायक सहदेव पुंडीर, पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा, सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव दीप्ती सिंह, महानिदेशक बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आरके कुँवर, निदेशक प्राथमिक शिक्षा बंदना गर्ब्याल, निदेशक एस.सी.ई.आर.टी सीमा जौनसारी,निदेशक संस्कृत शिक्षा एसपी खाली सहित जिले से लेकर ब्लॉक स्तर के शिक्षा अधिकारी उपस्थित रहे।