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उदयपुर के कन्हैया लाल मर्डर केस में एनआईए ने की 7वीं गिरफ्तारी, रियाज अत्तारी का करीबी है फरहाद

उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में बीते महीने नूपुर शर्मा समर्थक दर्जी कन्हैया लाल का सिर कलम कर नृशंस हत्या के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। कन्हैया हत्याकांड मामले में अब तक यह सातवीं गिरफ्तारी है। गिरफ्तार युवक रियाज अत्तारी का करीबी बताया जा रहा है।
कन्हैया लाल की 28 जून को उसकी सिलाई की दुकान के अंदर चाकू से सिर काटकर हत्या कर दी गई थी। रियाज अत्तारी द्वारा दर्जी पर किए गए भीषण हमले को गौस मोहम्मद ने अपने फोन पर रिकॉर्ड किया था और वीडियो को ऑनलाइन पोस्ट किया था। उन्होंने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी लेते हुए बाद में एक अन्य वीडियो में कहा था कि उन्होंने इस्लाम के कथित अपमान का बदला लेने के लिए कन्हैया लाल की हत्या कर दी है।
हालांकि, हत्याकांड के कुछ ही घंटों बाद दोनों मुख्य आरोपियों को राजस्थान पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। दोनों के खिलाफ सबूत के तौर पर उनके द्वारा बनाए गए वीडियो हैं। इसके अलावा, सुरक्षा एजेंसियों ने दो और व्यक्तियों मोहसिन और आसिफ की पहचान की, जिन्हें बड़े पैमाने पर जनता के बीच आतंक फैलाने की साजिश का हिस्सा माना जाता है। दो और आरोपियों मोहम्मद मोहसिन और वसीम को बाद में आपराधिक साजिश में शामिल होने और दर्जी की दुकान की टोह लेने में दो मुख्य आरोपियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
जांच एजेंसियों ने उनके वॉट्सऐप अकाउंट पर कई पाकिस्तानी नंबर मिलने का दावा किया है और कहा है कि एक आरोपी धार्मिक गतिविधियों के लिए बनाए गए कुछ सीक्रेट ग्रुप्स का हिस्सा था। आरोप हैं कि इन ग्रुप्स में से एक में इस्लाम के अपमान का बदला लेने के लिए गौस को श्कुछ बड़ाश् करने के लिए कहा गया था और अधिकारियों का मानना घ्घ्है कि यह एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, जहां दर्जी की बर्बर हत्या की साजिश रची गई। उन्होंने बताया कि मोहसिन के ठिकाने का हत्या में इस्तेमाल चाकू को तेज करने के लिए इस्तेमाल किया गया था और आसिफ ने दर्जी की दुकान की रेकी करने में मदद की थी।
एनआईए ने 29 जून को राजस्थान पुलिस से जांच की जिम्मेदारी अपने हाथ में लेने के बाद गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला फिर से दर्ज किया था। मामला शुरू में उदयपुर के धनमंडी थाने में दर्ज किया गया था।
एनआईए ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 452, 302, 153 (ए), 153 (बी), 295 (ए) और 34 और यूएपीए, 1967 की धारा 16, 18 और 20 के तहत साजिश रचने, बर्बर हत्या को अंजाम देने के आरोप में मामला फिर से दर्ज किया है।
एनआईए प्रवक्ता ने कहा था कि आरोपियों ने देशभर में लोगों के बीच दहशत फैलाने और आतंक फैलाने के लिए हत्या की जिम्मेदारी लेने का दावा करते हुए आपराधिक कृत्य का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में प्रसारित किया था।

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