उत्तराखण्ड

घर-घर जाकर ओआरएस की पैकेट जिंक टैबलेट बांटी जाएगीः डॉ. आर राजेश

प्रदेश के सभी जनपदों में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा 1 से 14 अगस्त तक मनाया जाएगा
देहारादून। उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक और अच्छा अभियान शुरू किया जा रहा है। इस अभियान के तहत पांच वर्ष के बच्चों को घर-घर जाकर ओआरएस की पैकेट जिंक टैबलेट बांटी जाएगी। डायरिया से बचाव एवं प्रबंधन के लिए एनएचएम स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रदेश के सभी जनपदों में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा 1 से 14 अगस्त तक मनाया जाएगा । यह जानकारी प्रभारी सचिव स्वास्थ्य एवं मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. आर राजेश कुमार की ओर से साझा की गई। प्रभारी सचिव ने बताया कि सघन दस्त नियंत्रण पखवाडे में प्रत्येक जिला चिकित्सालय, उप-जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आदि चिकित्सा इकाइयों में ओआरएस एवं जिंक कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे तथा आवश्यक गतिविधियां कोविड प्रोटोकॉल को मद्देजनर रखते हुए की जाएंगी, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एवं आशा कार्यकर्ता ओआरएस पैकेट को घर-घर तक पहुंचाना, जनजागरुता बढ़ाना व प्रचार-प्रसार का कार्य करेंगी।
प्रभारी सचिव ने बताया कि निमित्त पखवाड़े के सफल आयोजन के लिए भारत सरकार के निर्देशानुसार आयोजन होगा, जिसके आदेश सभी जनपदों को दे दिए गये। उन्होंने बताया कि पखवाड़े का मुख्य उद्देश्य बाल्यावस्था में दस्त के दौरान ओआरएस एवं जिंक के उपयोग के प्रति जागरुकता बढ़ाना, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के मध्य दस्त के प्रबंधन एवं उपचार के लिए गतिविधियों को बढ़ावा देना है। प्रभारी सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आईडीसीएफ कार्यक्रम के तहत ओआरएस पैकेट एवं जिंक टैबलेट का वितरण फील्ड स्तरीय कार्यकर्ताओं जैसी की आशा कार्यकर्ता, एएनएम की ओर से किया जाएगा। जिसमें आशा कार्यकर्ता ने घर-घर जाकर ओआरएस का घोल बनाने की विधि का प्रदर्शन किया जाएगा और स्वच्छता संबंधी जानकारी भी दी जाएगी। आपको बता दें दस्त की परेशानी बच्चों में आमतौर पर देखी जाती है। जिसमें बच्चों को ओआरएस एवं तरल पदार्थ दिया जाता है। 2 माह से 6 माह तक के बच्चों को जिंक की आधी गोली एवं 7 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को जिंक की पूरी गोली लगातार 14 दिन तक अनिवार्य रहती है। बीमारी के दौरान और बीमारी के बाद भी आयु के अनुसार स्तनपान व ऊपरी आहार जारी रखना चाहिए। दस्त के कुछ प्रमुख लक्षणों में बार-बार उल्टी होना, पानी जैसा लगातार मल होना, अत्यधिक प्यास लगना, तेज बुखार आने पर नजदीकि चिकित्सा इकायों व 104 टॉल फ्री नंबर में संपर्क करें।

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