देहरादून जनपद की सभी बहुद्देशीय सहकारी समितियां, 5 सितंबर तक सम्पूर्ण कंप्यूटराइजेशन का कार्य निबटाएंः मंत्री डॉ धन सिंह रावत
जल्दी ही छह अन्य पर्वतीय जनपदों में मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना होगा लॉन्च
देहरादून। सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा है कि देहरादून जनपद की सभी बहुद्देशीय सहकारी समितियां 5 सितंबर तक सम्पूर्ण कंप्यूटराइजेशन का कार्य निबटा दें। जिसके कारण समितियां पूर्ण रूप से पारदर्शिता के दायरे में आ जायेंगी। डॉ रावत बुधवार को दून विश्वविद्यालय के सभागार में सहकारिता सम्मेलन में बोल रहे थे। इस सहकारिता सम्मेलन में देहरादून जनपद के समितियों के चेयरमैन व सचिव तथा सहकारिता के विशेषज्ञों ने भाग लिया।
डॉ रावत ने कहा कि संपूर्ण देश की सहकारी समितियों का कंप्यूटराइजेशन का कार्य हो रहा है। उत्तराखंड इस मामले में अग्रणी है। 108 समितियों का उत्तराखंड सहकारिता विभाग ने कंप्यूटराइजेशन का कार्य कर दिया है। शेष समितियों का कार्य 80 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुका है। देहरादून जनपद के ए आर और महाप्रबंधक सहित चेयरमैन, सचिवों से उन्होंने कहा कि वह 5 सितंबर तक कंप्यूटराइजेशन का कार्य निपटा लें। इस डेट के लिए लक्ष्य के साथ काम करें । कंप्यूटराइजेशन आत्मा से ग्रहण कर ले। उन्होंने कहा यदि 5 सितंबर तक कंप्यूटराइजेशन नहीं होगा तो समितियां ऋण वितरण नहीं कर पाएंगी। सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने कहा कि 5 लाख नए खाते खोलें जाये। समिति के सदस्यों में वृद्धि अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि हर समिति तथा डिस्टिक कोऑपरेटिव बैंक की प्रत्येक शाखा में 3 बरस का बिजनेस डेवलपमेंट प्लान बनाया जाए। डॉ रावत ने कहा कि उत्तराखंड सहकारिता विभाग द्वारा दीनदयाल उपाध्याय किसान कृषि ऋण में 0 प्रतिशत ब्याज दर पर 6 लाख किसानों को 3600 करोड़ से अधिक का ऋण दिया गया है जिससे किसान अपनी आमदनी दोगुनी कर रहे हैं यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने कहा कि उत्तराखंड सहकारिता विभाग डिजिटल प्लेटफार्म पर आ गया है। यह पिछले साढ़े 5 वर्षों की विशेष उपलब्धि है। पिछले वर्षों में विभाग ने जमीनी कार्य किए हैं जिनका लाभ लाखों लोगों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि समिति और सहकारी बैंकों के खाताधारकों से संवाद किया जाए। उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी जाए। इस तरह के सहकारिता सम्मेलन समस्त जिलों और ब्लॉकों में आयोजित किए जाने के निर्देश मंत्री द्वारा अफसरों को दिए गए हैं। इस तरह के सम्मेलनों से सहकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही तमाम योजनाओं की जानकारी पाकर किसान लाभान्वित होंगे। सहकारिता मंत्री ने कहा कि हम पूरे प्रदेश भर में जनपद स्तर पर एक एक कॉपरेटिव विलेज स्थापित करने जा रहे हैं कॉपरेटिव विलेज बनने के बाद उस गांव की आर्थिकी की प्रतिपूर्ति हंड्रेड परसेंट पैक्स के द्वारा हो जाएगी किसानों को गांव में ही ऑनलाइन सभी सुख सुविधाएं पे पैक्स के माध्यम से उपलब्ध हो जाएगी आने वाले समय में उत्तराखंड के सभी 13 जनपदों में इस तरह के सहकारिता सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही 670 न्याय पंचायतों में ऋण वितरण के कार्य दिसंबर तक किए जाएंगे।
जल्दी ही छह अन्य पर्वतीय जनपदों में मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना की लॉन्चिंग करने जा रहे हैं जैसे ही अब पर्वतीय जिलों में बरसात कम हो जाएगी। मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना में अभी तक एक लाख घसियारी महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल चुका है जैसे ही यह योजना सभी पहाड़ी जनपदों में शुरू हो जाएगी तो तीन लाख घास काटने वाली महिला बहनों को इससे लाभ पहुंचेगा जल्द ही हम किसानों को लेकर सभी जनपदों में जिन किसानों के द्वारा इन्नोवेटेड कार्य खेती और बागवानी के क्षेत्र में किया जा रहा है उन्हें 6 से सात विभिन्न राज्य और दो विदेशी यात्राएं जहां खेती और बागवानी के क्षेत्र में अध्ययन भ्रमण पर भेजा जाएगा सभी 13 जनपदों में प्रत्येक किसान का चयन सचिव रजिस्टार कोऑपरेटिव और स्थानीय जिलाधिकारी और एक कमेटी के माध्यम से किया जाएगा। इस मौके पर अपर निबंधक ईरा उप्रेती, आनंद एडी शुक्ल,संयुक्त निबंधक नीरज बेलवाल, एमपी त्रिपाठी, उपनिबंधक रामिन्द्री मंद्रवाल, महाप्रबंधक डीसीबी देहरादून सीके कमल , अपर जिला सहायक निबंधक वीर भान सिंह सहित तमाम समितियों के चेयरमैन सचिव डीसीडीएफ के चेयरमैन, बैंको के मैनेजर, एडीओ, कॉपरेटिव के विशेषज्ञों सहित 300 लोगों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन का संचालन संयुक्त निबंधक उत्तराखंड सहकारी समितियां एमपी त्रिपाठी ने किया।