जल्द बदलेंगे बुंदेलखंड के 31 किलों के हालात, योगी सरकार ने बनाया प्लान; राजसी सैर सपाटे का मिलेगा लुत्फ
लखनऊ। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार जल्द ही जीर्ण शीर्ण हालत में पहुंच चुके बुंदेलखंड के 31 किलों के हालात जल्घ्द ही बदलने वाली है। पर्यटक इन किलों में राजसी सैर-सपाटे का लुत्फ उठा सकेंगे। आल्हा-ऊदल कहां जन्मे थे, उन्होंने कौन-कौन से युद्ध लड़े और ये युद्ध कहां-कहां लड़े…। कालिंजर के किले का क्या रहस्य है। महोबा के मस्तानी महल बेलाताल का इतिहास क्या है। राष्ट्र के ऐसे तमाम नायक जिन्हें नई पीढ़ी बिसरा रही है या यूं कहें सिर्फ नाम से वाकिफ है…। ऐसे नायकों के शौर्य और उनकी गाथाओं के साथ आप उनके संघर्षों की सच्चाइयों से कुछ वैसे ही माहौल में रुबरु हो सकेंगे जिनमें वे रहते थे। इससे न केवल आप अतीत पर गर्व करेंगे बल्कि इन गुम हो रहे रहस्यों को जानकर आपको सुखद अहसास भी होगा।
जी हां, प्रदेश के पर्यटन विभाग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर बुंदेलखंड के किलों के जीर्णाेद्धार की योजना शुरू की है। सात जिलों में स्थित इन पुराने किलों का वजूद अभी भी चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, ललितपुर और झांसी में है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पिछली बुंदेलखंड यात्रा के दौरान बुंदेलखंड के किलों को पर्यटन से जोड़कर स्थानीय लोगों को रोजगार देने का मंत्र राज्य सरकार को दिया था।
प्रदेश के पर्यटन विभाग ने अब इसकी वृहद योजना तैयार कर ली है। इसके लिए बुंदेलखंड के 31 ऐसे किलों को चुना गया है। इनमें से कई तो एएसआई द्वारा संरक्षित हैं, कुछ राज्य सरकार के पास हैं। बाकी के बहुत ही खंडहर नुमा हालत में हैं। इनमें तो कुछ ऐसे हैं जो घने जंगलों में हैं तो कुछ में वाटर स्पोर्ट की रोमांचकारी सुविधाओं का लुत्फ उठाया जा सकता है।
इन्हें जल्द ही राजस्थान के किलों जैसा सुंदर और वास्तविक रंगरूप लौटाया जाएगा। इसके आसपास पर्यटक आवास के साथ ही बस स्टेशन, लिंक रोड, बस अड्डे, सड़कें, हैलीपैड, वाटर स्पोर्ट्स, पब्लिक शौचालय, स्ट्रीट लाइटें, फसाड लाइटें कैफटेरिया के अलावा होटल आदि का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए सरकार जमकर खजाना खोलने को तैयारी में है।
प्रारंभिक अनुमान के अनुसार इस पर करीब 100 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किया जाएगा। पर्यटन विभाग ने इसके लिए अहमदाबाद की सीईपीटी यूनिवर्सिटी को अध्ययन का काम दिया जाएगा। यह संस्थान अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट देगा, उसी के मुताबिक इन किलों का बेहतर रखरखाव किया जाएगा। साथ ही पर्यटकों के लिए सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।