बच्चों में हर्नियां होने के दिखते हैं ये लक्षण, अभी से कर लें च्ंतमदजे बचाव
बच्चों का स्वास्थ्य माता-पिता की पहली प्राथमिकता होता है। लेकिन कई बार माता-पिता भी बच्चों की समस्याओं का कारण नहीं समझ पाते हैं। गलत खान-पान के कारण बच्चों को हर्निया की समस्या भी हो सकती है। हर्निया एक ऐसी समस्या होती है जिसमें पेट बहुत ही प्रभावित होता है। पेट में असहनीय दर्द हो सकता है। पेट की मांसपेशियां कमजोर होने के कारण भी बच्चे को हर्निया हो सकती है। इस समस्या के कारण उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हर्निया की समस्या खासकर पेरिटोनियम में कमजोरी होने के कारण होती है। तो चलिए आपको बताते हैं बच्चों में यह समस्या होने पर क्या-क्या संकेत नजर आ सकते हैं
हर्निया के शुरुआती लक्षण
बच्चों को हर्निया होने पर शुरुआत में पेट दर्द, अंडकोष में सूजन जैसी समस्याएं हो सकती है। हालांकि सूजन कई बार स्थाई नहीं होती, कई मामलों में तो सूजन बहुत ही कम दिखाई देती है। हर्निया ज्यादा समय तक खड़े होकर कार्य करने से, कोई भारी चीज उठाने से या पेट की मांसपेशियां कमजोर होने के कारण हो सकती है। इसके अलावा हर्निया होने पर बच्चों के शरीर में कई लक्षण दिख सकते हैं।
पेट में सूजन
हर्निया के कारण बच्चों को पेट में सूजन और उभार हो सकता है। खासकर बच्चे की खड़े पर यह समस्या ज्यादा दिख सकती है। लेटने या सोने पर यह उभार थोड़ा कम भी हो सकता है।
कमजोर मांसपेशियों के कारण
पेट में बहुत ज्यादा दर्द होने का कारण भी हर्निया हो सकती है। पेट की अंदरुनी मांसपेशियां कमजोर होने के कारण बच्चों को यह समस्या हो सकती है।
शुरुआती लक्षण हो सकते हैं ये
उल्टी और जी मिचलाने जैसे लक्षण भी बच्चों में हर्नियों के कारण दिखाई दे सकते हैं। शुरुआती लक्षण में बच्चों को यह समस्या दिख सकते हैं।
अंडकोष में हो सकती है सूजन
हर्निया होने के कारण बच्चे को अंडकोष में सूजन भी हो सकती है।
नाभि के आसपास होती है सूजन
बच्चों में हर्निया की समस्या होने पर नाभि के आस-पास सूजन भी हो सकती है।
कैसे करें बचाव?
बच्चों में हर्निया की समस्या दूर करने के लिए डॉक्टर सर्जरी का सुझाव देते हैं। इस समस्या में सामान्य लैप्रोस्कोपिक नाम का सर्जरी का इलाज किया जाता है। बच्चों में हर्निया किसी अनुवांशिक कारण या फिर गर्भ में गड़बड़ी के कारण हो सकती है। गर्भावस्था में जीवनशैली का खास ध्यान रखना चाहिए। बच्चों के खेलकूद के दौरान ध्यान रखकर उन्हें भारी चीजें उठाने से बचाने पर भी इस समस्या से बचा जा सकता है।