नौकरी लगवाने के नाम पर ठगों ने 44 लाख ठगे
एक या दो नहीं बल्कि 7 बेरोजगार युवाओं को अपना शिकार बनाया
देहरादून। नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से ठगी का एक और बड़ा मामला सामने आया। नौकरी लगवाने के नाम पर ठगों ने एक या दो नहीं बल्कि 7 बेरोजगार युवाओं को अपना शिकार बना लिया। जनपद की ऋषिकेश पुलिस ने रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर 44 लाख रुपए की ठगी करने वाले दो आरोपियों को हरिद्वार से दबोचा है। तीसरा आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस गिरफ्तार दोनों आरोपियों के आपराधिक इतिहास खघ्गाल रही है। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि तीनों आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर लगाई जाएगी। साथ ही दोनों आरोपियों ने ठगी से जो भी प्रॉपर्टी बनाई है, उनको जब्त किया जाएगा और बैंक अकाउंट भी फ्रिज किया जाएगा।
रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी करने वालों का खुलासा करते हुए देहरादून के एसएसपी ने कहा कि आरोपी रेलवे का अपॉइंटमेंट लेटर देकर बेरोजगारों को ठगी का शिकार बनाते थे। आरोपियों ने सात लोगों को ठगी का शिकार बनाया था। पहला मामला 5 जून 2022 का है। जब पौड़ी के सतपुली निवासी सोनू ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि संदीप कुमार ने उसके दोस्त से ऋषिकेश में संपर्क करने को कहा। जिसके बाद उसके दोस्त मोहित से रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर 14 लाख की धोखाधड़ी की गई। जिसके संबंध में कोतवाली ऋषिकेश में मुकदमा पंजीकृत किया गया।
दूसरा मामला 15 अगस्त 2022 का है। जब त्रिलोकी दास समेत कई लोगों ने कोतवाली ऋषिकेश में शिकायत दर्ज कराई। जिसमें उन्होंने बताया कि संदीप कुमार, रविंद्र और उनके अन्य एक दोस्त की ओर से ऋषिकेश में संपर्क कर उनके बच्चों को रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर कुल 6 लोगों से 30 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई। पुलिस ने पीड़ित की तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया। साथ ही आरोपियों की गिरफ्रतारी के लिए टीम का गठन किया। वहीं, पुलिस की टीम ने पीड़ितों से आरोपियों से संबंधित जानकारियां जुटाई। जिसके बाद आरोपियों की गिरफ्रतारी के लिए दबिश दी। इसी कड़ी में पुलिस ने एक आरोपी संदीप कुमार निवासी रोशनाबाद, हरिद्वार मूल निवासी स्योहारा, जिला बिजनौर और रविंद्र सिंह निवासी रोशनाबाद हरिद्वार मूल निवासी धामपुर बिजनौर को हरिद्वार से गिरफ्रतार किया। गिरफ्तार ठगों ने पूछताछ के दौरान बताया कि संदीप कुमार हरिद्वार सिडकुल में एक फैक्ट्री में काम करता है, जबकि रविंद्र की रोशनाबाद में कॉस्मेटिक की दुकान है। उनका एक अन्य मित्र जो पहले ऋषिकेश में रहता था और मूल रूप से बिजनौर का रहने वाला है। तीनों मिलकर नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर उनसे पैसों की ठगी कर लेते थे। जिसमें उनका मित्र जो ऋषिकेश में रहता था, वो संदीप को एफसीआई ऑफिसर और रविंद्र को रेलवे का अधिकारी बताते हुए युवकों को अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देकर उन्हें अपने जाल में फंसा लेता था। जिसके बाद तीनों आरोपी युवकों से नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे ऐंठ लेते थे।