उत्तराखण्ड
रिसॉर्ट संचालक पर पहले ही कार्रवाई होती तो ना जाती अंकिता की जानः कांग्रेस
- रसूखदार नेता को बचाने के लिए रिसॉर्ट पर चला बुल्डोजरः राजीव
- अवैध रूप से संचालित रिसॉर्टों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो
देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस के निवर्तमान मीडिया चेयरमैन व वरिष्ठ मीडिया पैनलिस्ट राजीव महर्षि ने अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड को उत्तराखण्ड राज्य के माथे पर कलंक बताते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन की ओर से सरकार के दबाव में अंकिता भण्डारी की गुमशुदगी के पहले दिन से ही मामले की लीपापोती करने का काम किया गया। इससे न केवल प्रदेश की बिगडती कानून व्यवस्था का पता चलता है अपितु इस जघन्य हत्याकाण्ड में राज्य पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लगता है।
राजीव महर्षि ने मीडिया को बयान जारी करते हुए कहा कि अंकिता हत्याकाण्ड मामले का खुलासा होने पर सबसे पहले रिसॉर्ट को सील किया जाना चाहिए था, मगर भाजपा सरकार के इशारे पर उसके रसूखदार नेता को बचाने के लिए ऐसा करने की बजाय रिसॉर्ट पर बुल्डोजर फिराकर सबूत नष्ट करने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि जिस रिसॉर्ट में इस घटना को अंजाम दिया गया उसके खिलाफ पूर्व में भी कई शिकायतें आई, मगर रिसॉर्ट संचालक का सत्ताधारी दल में रसूख होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं की गई जिसकी परिणति अंकिता हत्याकाण्ड के रूप में हुई। उन्होंने कहा कि राज्य के कई पर्यटक स्थलों पर इस प्रकार के कई रिसॉर्ट अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं जिनकी जांच की जानी चाहिए तथा अवैध रूप से संचालित रिसॉर्टों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। भाजपा सरकार का बेटी बचाओ, बेटी पढाओं का नारा राज्य के लोगों को अभिषाप लगने लगा है, क्योंकि राज्य की बहू बेटियों पर जितने अत्याचार भाजपा की सरकार में हुऐ हैं इससे पहले कभी नहीं हुए थे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में महिला उत्पीडन का यह पहला मामला नहीं है इससे पूर्व भी भाजपा के कई नेताओं एवं विधायकों पर महिला उत्पीडन के संगीन आरोप लगे हैं। उन्होने कहा कि भाजपा नेताओं एवं पदाधिकारियांे ने सदैव अपने शर्मनाक कामों एवं बयानों से राज्य की मातृशक्ति को अपमानित तथा राज्य की छबि को कलंकित करने का काम किया है। जब से भाजपा प्रदेश की सत्ता में आई है प्रदेशभर में महिलायें अपने आपको असुरक्षित और अपमानित महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा भाजपा सरकार के पिछले साढे पांच वर्ष के कार्यकाल में उत्तराखण्ड राज्य में महिला उत्पीडन एवं बलात्कार की घटनाओं से देवभूमि कलंकित हुई है।