उत्तरकाशी एवलांच हादसे में अभी तक 9 लोगों के शव बरामद, 20 लोगों की तलाश जारी
रेस्क्यू अभियान में दो चीता, सेना के 26 जवान, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के अलावा जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग से माउंटेनियर की टीम एवं एन आईएम की टीम भी रेस्क्यू कार्य में जुटी
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले के द्रौपदी डांडा टू में एवलांच में फंसे लोगों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन तीसरे दिन भी जारी है। अब तक 9 शव बरामद कर बैस कैंप पहुचाये गये हैं। इनमें दो प्रशिक्षक छप्ड की शामिल है जिनकी पहचान कर ली गई है। बाकी साथियों की पहचान करने की प्रयास जारी है । 20 लोग अभी भी लापता हैं। एवलांच में मरने वालों की कुल संख्या 9 हो गई है। रेस्क्यू में भारतीय वायुसेना के दो चीता , सेना के 26 जवान, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के अलावा जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग से माउंटेनियर की टीम, एवं एन आईएम की टीम भी रेस्क्यू कार्य में जुटी है। द्रोपदी के डांडा-2 में मंगलवार सुबह को आये एवलांच में पर्वतारोही प्रशिक्षणार्थी क्रेवास (बर्फ की खाई) में दब गए थे। अपनों की तलाश में आइए कर्नाटक गुजरात हिमाचल अन्य राज्यों के लोग अपनों की एक झलक पाने को बेताब दिखे। गुरुवार को आईटीबीपी मातली हेलीपैड पर हिमांचल, तमिलनाडु व अन्य राज्यों से अपने परिजनों के शवों की पहचान और बरामद करने के लिए आये परिजन दिनभर हेलीपैड पर रोते हुए अपने परिजनों के शवों का इंतजार करते रहे। लेकिन आर्मी के हेलीकॉप्टर ने मातली हेलीपैड से दो बार उड़ान भरी लेकिन खाली हाथ वापस लौट आया वजह बताई जा रही है कि द्रोपदी के डांडा डकरानी बेस कैम्प में मौसम खराब है जिस कारण आर्मी का हेलीकॉप्टर वहां पर लैंडिंग नहीं कर पाया। वही उच्चहिमालय क्षेत्र में बर्फबारी शुरू हो गई। वहीं जिन लोगों ने इस घटना में अपनों को खोया है उन्होंने जिला प्रशासन और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाए हैं। लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान हम लोगों को सटीक जानकारी नहीं दे रहा है। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान हमको कहा जा रहा है कि आपके परिजनों के शव आ गए हैं आप मातली हेलीपैड जाओ ,लेकिन हम दिन भर इंतजार करते रहे। खराब मौसम के चलते हेलीकॉप्टर फैंस कैंप पर नहीं कर पाई जिसके चलते शव नही पहुंचा पाये। द्रौपदी का डांडा-2 में एवलॉन्च हादसे में लापता पर्वतारोही की तीसरे दिन रेस्क्यू शुरू कर दिया हैं। हिमस्खलन में फंसे पर्वतारोही दल के सदस्यों के बचाव के लिए जम्मू कश्मीर के हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग के जांबाजों को उतारा गया है। उत्तरकाशी एवलॉन्च में अब तक 9 शव बरामद हुए हैं। पर्वतारोहियों का रेस्क्यू किया गया है। 20 लापता लोगों की तलाश जारी है।
जम्मू कश्मीर हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग के जवानों को ऊंचे पर्वतों में बर्फीली चोटियों पर ड्यूटी करने और बर्फीले तूफानों से बचाव की ट्रेनिंग दी जाती है। केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों से एचएडब्ल्यूएस के 16 सदस्यीय जवानों को हिमस्खलन में फंसे पर्वतारोहियों को निकालने के लिए भेजा गया है. बुधवार देर रात को एचएडब्ल्यूएस के जवान देहरादून पहुंच गए थे।
गुरुवार सुबह इनकी टीम देहरादून से उत्तरकाशी बेस कैंप के लिए रवाना हुई। इन जवानों के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई है. उत्तरकाशी पहुंचकर हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग के जवानों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
गौर हो कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकला नेहरू पर्वतारोहण संस्थान का 58 पर्वतारोहियों का दल मंगलवार सुबह द्रौपदी का डांडा 2 पर्वत चोटी के पास हिमस्खलन की चपेट में आ गया था।