उत्तराखण्ड

बद्री-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष की कार्यप्रणाली को लेकर तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश, एफआईआर दर्ज कराने का लिया फैसला, अजेंद्र बोले, कुछ लोगों के विरोध से मंदिर समिति काम करना बंद नहीं करेगी

  • कहा, पहले तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लिये बिना बाहर से ताला लगाकर गर्भगृह में लगाया सोना
  • अब मंदिर समिति अध्यक्ष गर्भगृह में जाकर फोटो खिंचवाकर कर रहे अपना प्रचार-प्रसार
  • प्रदेश सरकार से मंदिर समिति अध्यक्ष को हटाये जाने की आवाज की बुलंद

    रुद्रप्रयाग। केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत लगाये जाने के फोटो खिंचवाकर वायरल करने से तीर्थ पुरोहितों में बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष के खिलाफ आक्रोश पैदा हो गया है। तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर समिति अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि मंदिर समिति अध्यक्ष ने जबरदस्ती पहले गर्भगृह में सोने की परत लगवाई। इसके बाद अब स्वयं गर्भगृह के भीतर फोटो खिंचवाकर खुद का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। मंदिर के भीतर फोटो खिंचवाकर वायरल करने से हिन्दुओं की आस्था को ठेस पहुंची है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मंदिर समिति अध्यक्ष के खिलाफ तीर्थ पुरोहितों ने एफआईआर दर्ज कराने का फैसला लिया है। साथ ही प्रदेश सरकार से अध्यक्ष को हटाने की मांग की जाएगी।
    उल्लेखनीय है कि केदारनाथ मंदिर के भीतर महाराष्ट्र के एक दानीदाता ने सोने की परत लगाये जाने को बद्री-केदार मंदिर समिति से सहमति मांगी थी। इसके बाद मंदिर समिति अध्यक्ष ने प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा। इस प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद कार्य शुरू किया गया, जिसे कपाट बंद होने से पहले समाप्त किया गया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के दो अधिकारियों की देख-रेख में दानीदाता के सहयोग से केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह, जलेरी व छत पर सोने की परत लगाने का काम किया गया, जो कपाट बंद होने से एक दिन पहले पूरा किया गया। 19 मजदूरों ने मंदिर के गर्भगृह को नया रूप दिया। इन्होंने सोने की 550 छोटी-बड़ी परतें दीवारों, जलेरी और छत पर लगाई। यह कार्य पूरा होने के बाद बद्री-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष ने गर्भगृह के भीतर लगी सोने की परत के बीच अपनी फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। तस्वीर के वायरल होने के बाद केदारसभा के साथ ही तीर्थ पुरोहितों में भारी आक्रोश पैदा हो गया । केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी ने मंदिर समिति पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले मंदिर समिति अध्यक्ष ने चतुराई से तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लिये बिना ही बाहर से ताला लगाकर गर्भगृह में सोना लगाया। जबरदस्ती सोना लगाने के बाद मंदिर समिति अध्यक्ष ने गर्भगृह में जाकर फोटो खिंचवाकर अपने को अब प्रचारित किया जा रहा है। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि मंदिर समिति अध्यक्ष को लगता है कि भगवान की चमक के सामने सोने की चमक ज्यादा है। आज तक प्रधानमंत्री छः बार केदारनाथ पहुंच चुके हैं, लेकिन ऐसा कृत्य कभी पीएम ने नहीं किया। मंदिर समिति अध्यक्ष ने केदारनाथ धाम को तीर्थाटन से पर्यटन बना दिया है। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि मंदिर समिति अध्यक्ष के खिलाफ अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद आंदोलन छेड़ा जाएगा और प्रदेश सरकार से मंदिर समिति अध्यक्ष को हटाये जाने की मांग की जाएगी।

    अजेंद्र अजय बोले, कुछ लोगों के विरोध से मंदिर समिति काम करना बंद नहीं करेगी
    इस मामले में बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने  कहा कि   कुछ  लोग उनके हर अच्छे कदम का विरोध कर रहे हैं। मंदिर में सोना लगने की बात हो या अन्य काम, वो भक्तों की सुविधा और मंदिर की भव्यता के लिए किए जा रहे हैं।कुछ एक लोगों के विरोध से मंदिर समिति काम करना बंद नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि जो भी सुधार के कार्य हैं ,उन्हें किया जाएगा।

कांग्रेस ने की पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग
रुद्रप्रयाग। कांग्रेस प्रदेश संगठन ने भी मंदिर समिति अध्यक्ष के इस काम पर आक्रोश व्यक्त किया है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि मंदिर समिति भाजपा राज में मठ-मंदिरों से किया जा रहा है। केदारनाथ मंदिर के प्रतिबंधित गर्भ गृह में सोने की परत के साथ अध्यक्ष फोटो खिंचवा रहे हैं, जो वायरल भी की जा रही है। 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। भाजपा राज में केदारनाथ धाम की मान्यताओं को तार-तार करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है। कहा कि जहां केदारनाथ धाम के गर्भ गृह में किसी भी प्रकार की फोटो खींचना प्रबंधित है, वहीं बद्री केदार मंदिर समिति अध्यक्ष स्वयं को मंदिर व परंपराओं से ऊपर दिखाने की कोशिश करते हुए खुलेआम गर्भ गृह में सोने की परत चढ़ी फोटो को वायरल किया जा रहा है, जो सरासर केदारनाथ की परंपराओं के विपरीत है।
उन्होंने कहा कि सरकार को तत्काल इस प्रकरण पर उच्च स्तरीय जांच करनी चाहिए और इस प्रकार केदारनाथ के गर्भ गृह की फोटो खींचने वालों पर कठोर कार्रवाई कर गिरफ्तारी करनी चाहिए।

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