उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड में हुआ ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन का विरोध , परिवहन यूनियनों ने किया राज्यव्यापी चक्का जाम, राजधानी दून में भी दिखा भारी असर

  • प्रदेश के सभी जनपदों में परिवहन यूनियनों ने जताई नाराजगी

  • सड़कों पर कम वाहन चलने से लोगों को हुई भारी परेशानी

    देहरादून। उत्तराखंड राज्य में स्थापित ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन के विरोध में तमाम परिवहन यूनियनों ने राज्यव्यापी चक्का जाम किया। वाहनों की फिटनेस अनिवार्य करने और दस साल पुराने डीजल चलित ऑटो-विक्रम को बाहर करने के विरोध में मंगलवार को राजधानी देहरादून सहित प्रदेशभर में विक्रम, ऑटो और सिटी बसों ने चक्का जाम किया। इसके साथ ही ये सभी वाहन स्वामी विधानसभा कूच करने भी पहुंच रहे हैं। देहरादून की सड़कों पर इक्के-दुक्के वाहन ही चले। लोगों को वाहन कम चलने से परेशानी का सामना करना पड़ा।

    दरअसल, परिवहन विभाग ने देहरादून के डोईवाला और उधमसिंह नगर के रुद्रपुर में निजी सहभागिता से ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर शुरू किए हैं, और वाहनों की फिटनेस अनिवार्य कर दी है। इसका ऑटो, सिटी बस और विक्रम संचालक विरोध कर रहे हैं। वहीं, सबसे बड़ी बात ये है कि हाल ही में आरटीए की बैठक हुई थी जिसमें 2023 तक 10 साल पुराने डीजल से चलने वाले ऑटो और विक्रम को बाहर करने का निर्णय लिया गया है, जिसका भी भारी विरोध देखा जा रहा है।वाहन स्वामियों का कहना है कि अगर उनकी गाड़ी बाहर की जाती है तो उनके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो जाएगा। उत्तराखंड विक्रम, ऑटो रिक्शा परिवहन महासंघ, सिटी बस सेवा महासंघ सहित गढ़वाल मंडल की करीब 15 यूनियनों के साथ ही कुमाऊं मंडल की यूनियन भी इस चक्का जाम में शामिल रहे।

    वहीं, राज्य भर के ट्रांसपोर्ट यूनियन सहित ऑटो बस विक्रम संचालक ऑटोमेटिक फिटनेस योजना के विरोध में आज देहरादून की सड़कों पर प्रदर्शन किया । इसका असर देहरादून के साथ-साथ मसूरी में भी देखने को मिला।

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