उत्तराखण्ड

विधानसभा शीतकालीन सत्रः कांग्रेस विधायकों ने सदन मे उठाया विशेषाध्किार हनन का मुद्दा, बोले आदेश चौहान उधमसिंहनगर पुलिस कर रही प्रताड़ित, आत्मदाह की दी चेतावनी

स्पीकर अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी ने कहा, सभी मामलों की कराई जाएगी जांच

प्रीतम सिंह बोलीे, सरकार विधायकों के विशेषाधिकार हनन को लेकर गंभीर नहीं

देहरादून। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पहले ही दिन कांग्रेस की ओर से विशेषाधिकार हनन पर सरकार को जमकर घेरा गया। कांग्रेस विधायक व पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह से लेकर वर्तमान नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, आदेश चौहान ओर सुमित हृदयेश ने कई मामले विशेषाधिकार हनन के मंगलवार को सदन में उठाए।
कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार विधायकों के विशेषाधिकार हनन को लेकर गंभीर नहीं है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और विधायक तिलक राज बेहड़ ने भी कहा कि विशेषाधिकार हनन मामलों में पीठ के निर्देशों की अवहेलना होती है। कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने विधायकों के विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग उठाई।
विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर जसपुर विधायक आदेश चौहान ने सदन में आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा कि उधमसिंह नगर पुलिस की ओर से उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। रास्ते चलते उनसे गनर तक वापस लिया गया। आदेश चौहान ने वहा के एसएसपी पर भी गंभीर आरोप लगाए। कहा कि 12 लाख रूपये महीना जाता है, नशा ओर खनन वालों से। सबसे ज्यादा भष्टाचार पुलिस विभाग में हो रहा है। आदेश चौहान ने कहा कि मेरे साथ रहने वाले मेरे रिश्तेदारों तक तक लाइंसेस जब्त कर दिये गये है। मै किसी स्कूल के कार्यक्रम में जाता हूं तो, उस स्कूल की भी जांच शुरू हो जाती है। ऐसे में उन्होंने कार्रवाई न होने पर विधानसभा के बाहर आत्मदाह करने की चेतावनी दी है।
कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने भी सदन में विशेषाधिकार हनन का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि विधायक के प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाता है। उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र में कार्ययोजनाओं से दूर रखा जाता है। ऐसे में उन्होंने इस मसले पर कार्रवाई की मांग उठाई है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह इस मामले की जांच के आदेश देती हैं। विधायक का आरोप था कि हल्द्वानी में बड़ी कार्ययोजना योजना तैयार की जा रही है, जिसकी 12 बैठकें हो चुकी हैं और दो बार डीपीआर भी तैयार की जा चुकी है, करीब 800 करोड़ की यह योजना में एक भी बार स्थानीय विधायक को बैठक में नहीं बुलाया गया, जिसको लेकर उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान विशेषाधिकार हनन का प्रश्न रखा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में तारांकित प्रश्न में जवाब मांगा जाएगा।

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