उत्तराखण्डदेहरादून
वन दारोगा परीक्षा रद्द होने पर युवाओं ने जताया कड़ा विरोध , मुंडन कराया , सीएम आवास का किया कूच, पुलिस से हुई तीखी झड़प
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युवाओं ने इकट्ठा होकर गांधी पार्क पर किया प्रदर्शन
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पास होने के बाद, परीक्षा को रद्द करना नाइंसाफी बताया
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग के एक फैसले ने दोबारा से हजारों युवाओं को सड़क पर खड़ा कर दिया है। आयोग ने बीते दिनों वन दारोगा भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया था। आयोग के इस निर्णय से उन अभ्यर्थियों में गुस्सा है, जिन्होंने वन दारोगा भर्ती परीक्षा पास कर ली थी। इन्हीं अभ्यर्थियों ने सोमवार को देहरादून में सीएम आवास का कूच किया। सभी युवाओं ने देहरादून गांधी पार्क पर आयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और आयोग की शव यात्रा भी निकाली। इस दौरान कई युवाओं ने अपना मुंडन भी करवाया। इसके बाद मुख्यमंत्री आवास के लिए अभ्यर्थियों ने कूच किया। हालांकि पुलिस ने उन्हें मुख्यमंत्री आवास तक नहीं जाने दिया और बीच में ही रोक दिया।
उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग पेपर लीक केस सामने आने के बाद से ही आयोग की 8 परीक्षाओं पर तलवार लटकी हुई थी, जो जांच के दायरे में थी। बीते दिनों से आयोग के अध्यक्ष एसएस मार्ताेलिया ने तीन भर्ती परीक्षाओं को रद्द कर दिया था। एक एलटी परीक्षा को क्लीन चिट दे दी गयी है और बाकी परीक्षाओं पर विधिक राय मांगी गई है।रद्द की गई परिक्षाओं में वन दारोगा भर्ती परीक्षा भी है, जिसमें 325 पदों के लिए लिखित परीक्षा ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिये हो चुकी थी। जिसमे 600 लोगों के लिए फिजिकल परीक्षा की मेरिट लिस्ट भी जारी हो चुकी थी, लेकिन अब आखिरी समय में परीक्षा रद्द होने से अभ्यर्थी एक बार फिर से अपने आप को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं।वन दारोगा भर्ती परीक्षा में मेहनत कर पास होने वाले युवाओं का कहना है कि भर्ती घोटाले में जो भी धांधली हुई है, वह आयोग की नाकामी है। इसके लिए उन्हें क्यों सजा दी जा रही है। उन्होंने अपने जीवन के कई साल इन परीक्षाओं की तैयारी में लगाए हैं, लेकिन अब आखिरी समय में परीक्षा पास करने के बावजूद भी उनके साथ इस तरह से नाइंसाफी की जा रही है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि वह उत्तराखंड के भावी युवा हैं और उनके साथ इस तरह की नाइंसाफी न हो। उन्होंने सरकार से इस मामले पर बेहतर हल निकालने की अपील भी की।