देहरादून। देशभर में आयुर्वेद चिकित्सा से संबंधित फर्जी बीएएमएस की डिग्री तैयार कर गिरोह चलाने वाले मास्टरमाइंड सहित तीन लोगों को उत्तराखंड एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश के मुज्जफरनगर से संचालित होने वाले पैरामेडिकल बाबा ग्रुप अॉफ कॉलेज के चेयरमैन इमरान को सैकड़ों फर्जी डिग्री सहित गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक पकड़ा गया गैंग का सरगना 10वीं पास है।
जबकि उसका बड़ा भाई इमलाख मौके से फरार होने में कामयाब ही गया। एसटीएफ ने इसमें दो ऐसे फर्जी डिग्री वाले चिकित्सक को भी गिरफ्तार किया है। ये फर्जी डिग्रीधारी प्रेमनगर और रायपुर में क्लीनिक चला रहे थे। एसटीएफ के मुताबिक फर्जी डिग्री तैयार करने वाला मुज्जफरनगर बाबा ग्रुप अॉफ कॉलेज का चेयरमैन इमरान मुज्जफरनगर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर है। मुख्य आरोपी इमरान के कब्जे से कई राज्यों की यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्रियां, फर्जी मुहर और फर्जी पेपर सहित कई कूटरचित दस्तावेज बरामद हुए हैं। सरगना इमरान से 102 ब्लैंक डिग्री, एक जारी डिग्री, 48 अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों के लिफाफे, 208 लेटर पैड अलग-अलग यूनिवर्सिटी की 8 मुहर, तीन डॉक्टरों के अनुसार प्रमाण पत्र, बीएएमएस की एक जारी फर्जी डिग्री बरामद की गई है।
एसटीएफ की प्रारंभिक जांच में इस बात का पता चला है कि गिरोह ने हजारों बीएएमएस डॉक्टरों फर्जी डिग्री तैयार कर लाखों की वसूली की गई है। इनमें से उत्तराखण्ड में 36 फर्जी डिग्रियों की पुष्टि हो चुकी है। इतना ही नहीं फर्जी डिग्रियों से डॉक्टर बने लोगों ने भारतीय चिकित्सा परिषद में भी पंजीकरण कराया है। ऐसे में मिली भगत आशंका के चलते जांच का दायरा भारतीय चिकित्सक परिषद की तरफ भी बढ़ रहा है। वहीं, अब तक की जांच में यह भी पता चला है कि भारतीय चिकित्सा परिषद में फर्जी डिग्री पंजीकरण के आधार पर उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में बीएसमएस के कई फर्जी डॉक्टर निजी अस्पताल के नाम पर क्लीनिक चला रहे हैं।
ऐसे में इन सब की जांच पड़ताल की जारी हैं। एसएसपी एसएसपी आयुष अग्रवाल के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर संचालित इस गिरोह की शुरुआती जांच में कई आयुर्वेदिक डॉक्टरों की फर्जी डिग्री का मामला सामने आया है। ऐसे करीब 36 डॉक्टरों को चिन्हित कर उनके संबंध में संबंधित चिकित्सा बोर्ड से सूचना मांगी गई है। इनमें से ज्यादातर फर्जी आयुर्वेदिक चिकित्सकों की डिग्री राजीव गांधी हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी कर्नाटक की पाई गई है, जो अभी तक की जांच में पूर्णता फर्जी पाई गई है। इन सभी फर्जी डिग्री को मुजफ्फरनगर स्थित बाबा ग्रुप अॉफ कॉलेज के मालिक इमरान व इकलाख ने तैयार कराया है।
फर्जी डिग्रियों के जरिए कमाए करोड़ों
देहरादून। एसटीएफ की जांच पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ है कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर बाबा ग्रुप अॉफ कॉलेज के चेयरमैन इमरान और इकलाख ने देशभर में ऐसी कई बीएएमएस की फर्जी डिग्री तैयार कर करोड़ों का साम्राज्य बनाया है। 108 बीघा में ऐसा संस्थान तैयार किया है, जहां एक फर्जी डॉक्टर से जाली डिग्री के लिए 8 से 12 लाख रुपए लिए जाते हैं। एसटीएफ के मुताबिक फर्जी डॉक्टर की डिग्री तैयार करने वाले मुख्य आरोपी इमरान की गिरफ्तारी देहरादून में हुई। इसकी गिरफ्रतारी आयुर्वेद के फर्जी चिकित्सक प्रीतम सिंह, मुनीष अली व उर्फ मुनीर से पूछताछ और जानकारी के आधार पर हुई। जांच में पता चला कि दोनों ही फर्जी डिग्री के चिकित्सक का रजिस्ट्रेशन उत्तराखंड में स्थित भारतीय चिकित्सा परिषद में हुआ है। जिसके आधार पर वह प्रेमनगर और रायपुर में क्लीनिक खोलकर प्रैक्टिस कर रहे थे। दोनों ने पूछताछ बताया कि उन्होंने अपनी फर्जी डिग्री के लिए मुजफ्रनगर के बाबा ग्रुप अॉफ कॉलेज को लाखों रुपए दिए हैं।
उत्तराखण्ड में बांटी गई बीएएमएस की 36 फर्जी डिग्री
देहरादून। फिर्जी डिग्रीधारी डाक्टरों की जांच में 36 फर्जी डिग्री इमरान व इमलाख ने उत्तराखण्ड में बांटी है। जिसका खुलासा एसटीएफ की जांच में हुआ है। एसटीएफ ने कहा कि इन 36 डाक्टरों में से कई डाक्टर सरकारी नौकरी में भी है। एसटीएफ का कहना है कि इनकी भी जांच की जा रही है। जल्द ही इन डाक्टरों की भी गिरफ्रतारी हो सकती है। एसटीएफ का यह भी कहना कि भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखण्ड में 4 लाख रूपये में रजिस्ट्रेशन के लिए दिए गए हैं।
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