-
इस मामले की जांच पूरी होने तक निलंबित रहेंगे सभी संदिग्ध 20 दारोगा
-
मामले की जांच कर रही विजिलेंस, कई दारोगा के शैक्षिक प्रमाण पत्र भी है फर्जी
देहरादून। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के आदेश के बाद दारोगा भर्ती मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है। सस्पेंड किए गए 20 दरोगा के मामले में एडीजी डॉ वी. मुरुगेशन ने बताया कि यह कार्रवाई पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के आदेश के तहत की गई है। आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि जब तक इस मामले की पूरी जांच नहीं हो जाती संदिग्ध 20 दारोगा निलंबित रहेंगे।2015-16 दारोगा भर्ती घोटाले की जांच विजिलेंस कर रही है। अभी तक की जांच पड़ताल में 40 से अधिक दारोगा पर परीक्षा में धांधली कर नियुक्ति पाने का आरोप है। विजिलेंस अभी कई साक्ष्य सबूत एकत्र कर विवेचना में जुटी है। बताया जा रहा है कि आरोपी दारोगाओं के शैक्षिक प्रमाण पत्र की भी जांच हो रही है। ऐसा अंदेशा जताया गया है कि दारोगा भर्ती मामले में नियुक्ति पाने वाले कई दारोगा के शैक्षिक प्रमाण पत्र भी फर्जी हैं। ऐसे में विजिलेंस अलग-अलग एंगल से जांच कर रही है। इसके लिए प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में तैनात आरोपित दारोगाओं के बारे में कई तरह की जानकारी भी विजिलेंस जुटा रही है।
उत्तराखंड दारोगा भर्ती घोटाला 2015-16 का है। इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद जैसे-जैसे विजिलेंस की जांच आगे बढ़ी, आरोपियों की मुश्किलें बढ़ती चली गईं। विजिलेंस की कुमाऊं यूनिट पहले ही इस मामले में 12 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चुकी थी। वहीं, विजिलेंस की रडार पर 40 से 75 दारोगा हैं, जो परीक्षा में धांधली कर 2015-16 में दारोगा बने थे। इनमें संदिग्धों में से 20 दारोगा को आज सस्पेंड कर दिया गया है। विजिलेंस की कुमाऊं और गढ़वाल यूनिट इस केस की अलग-अलग एंगल से जांच कर रही हैं। विजिलेंस की टीम जांच के लिए यूपी की राजधानी लखनऊ भी गई थी। लखनऊ में टीम को कई अहम सुराग हाथ लगे थे।
संबंधित जनपदों के पुलिस कप्तानों को इन सभी पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित करने का भेजा गया आदेश
देहरादून। साल 2015 पुलिस दारोगा भर्ती परीक्षा के मामले में 20 संदिग्ध दारोगों पर एक्शन हुआ है। 20 दारोगा जांच पूरी होने तक सस्पेंड रहेंगे। इस मामले की जांच विजलेंस कर रही है। पंत नगर यूनिवर्सिटी ने दारोगा भर्ती परीक्षा करवाई थी। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ. वी मुरुगेशन ने बताया कि 2015 के सब इंस्पेक्टर भर्ती मामले की जांच विजिलेंस को दी गई थी। विजिलेंस ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट दी है। शुरुआती रिपोर्ट में यह सामने आया है कि 20 इंस्पेक्टर ऐसे हैं, जिन्होंने धोखाधड़ी और नकल नेटवर्क के साथ मिलकर यह परीक्षा उत्तीर्ण की थी। इस मामले में संबंधित जिलों के पुलिस कप्तानों को इन सभी पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित करने के निर्देश भेजे गए हैं।
इन दारोगाओं पर हुआ एक्शन
दीपक कौशिक ऊधमसिंह नगर, अर्जुन सिंह ऊधमसिंह नगर, बीना पपोला ऊधमसिंह नगर, जगत सिंह शाही ऊधमसिंह नगर, हरीश महर ऊधमसिंह नगर, लोकेश ऊधमसिंह नगर, सन्तोषी ऊधमसिंह नगर, नीरज चौहान नैनीताल, आरती पौखरियाल नैनीताल(अभिसूचना), प्रेमा कोरगा नैनीताल, भावना बिष्ट नैनीताल, ओमबीर देहरादून, प्रवेश रावत देहरादून, राज नारायण व्यास देहरादून, निखिलेश बिष्ट देहरादून, पुष्पेंद्र पौड़ी गढ़वाल, गगन मैठाणी चमोली, तेज कुमार चंपावत व मोहित सिंह रौथाण पी.सी एसडीआरएफ शामिल है।
Back to top button