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इस मामले में आधा दर्जन फर्जी डाक्टर भी जा चुके हैं जेल
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यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के सदर थाने का है हिस्ट्रीशीटर
देहरादून। बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक एंड मेडिसिन सर्जरी) की फर्जी डिग्री तैयार करने वाले 25 हजार के इनामी मास्टरमाइंड इमलाख को उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने राजस्थान के अजमेर से गिरफ्रतार किया है। आरोपी बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज का चेयरमैन है, जो खुद दसवी पास है। उत्तराखंड एसटीएफ को आरोपी के पास से कई राज्यों की फर्जी ब्लैंक डिग्रियां और फर्जी पेपर बरामद हुए है। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी ने 100 से ज्यादा फर्जी डिग्रियां बांटी है। इतना ही नहीं आरोपी राजीव गांधी हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी कर्नाटका के नाम से भी फर्जी डिग्रियां दे रहा है। इसके अलावा जांच में सामने आया कि आरोपी यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के सदर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। सदर थाने में आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, मारपीट और बलवे समेत कई अपराधिक मामले दर्ज है।
उत्तराखंड एसटीएफ की जांच में करीब 36 ऐसे मामले सामने आए है, जिनके पास से बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक एंड मेडिसिन सर्जरी) की फर्जी डिग्री मिली है। बीएएमएस की सभी फर्जी डिग्री राजीव गांधी हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी कर्नाटका के नाम से बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफ्फरनगर के मालिक इमरान और इमलाख ने तैयार की गई थी, जिसको लेकर देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज कराया हुआ था, जिसकी जांच उत्तराखंड एसटीएफ कर रही थी। उत्तराखंड एसटीएफ ने शुरू में दो फर्जी डॉक्टरों प्रीतम सिंह और मनीष अली को गिरफ्रतार किया था। इसके बाद एसटीएफ ने बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफ्फरनगर में दबिश देकर इमरान को गिरफ्तार किया था, जिसके कब्जे से एसटीएफ को कई राज्यों की यूनिवर्सिटियों की फर्जी ब्लैंक डिग्री बरामद हुई थी। हालांकि इस पूरे खेल के मास्टमाइंट इमलाख फरार चल रहा था। इसके बाद देहरादून एसएसपी के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया, जो अभीतक देहरादून से सात फर्जी डॉक्टरों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनके पास से बीएएमएस की फर्जी डिग्री मिली थी।
उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि आरोपी कोतवाली मुजफ्रफरनगर का हिस्ट्रीशीटर है और उसने यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज के नाम से मेडिकल डिग्री कॉलेज भी खोला हुआ है, जहां बी फार्मा, बीए और बीएससी आदि के कोर्स कराए जाते है। आरोपी के
खिलाफ फर्जी डिग्री दिलाने के कई मुकदमें दर्ज है। उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक इस केस के खुलने के बाद ही आरोपी मुजफ्फरनगर से फरार हो गया था और उसका मोबाइल भी बंद आ रहा था। इस वजह से उसकी लोकेशन भी ट्रेंक नहीं हो पा रही थी। आरोपी गिरफ्तार की लिए पुलिस ने 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। हालांकि इस बीच उत्तराखंड एसटीएफ के बारे में कुछ सुराग लगा। इसके बाद उत्तराखंड एसटीएफ टीम राजस्थान गई और अजमेर में छिपकर बैठे मुख्य आरोपी इम्लाख को गिरफ्रतार किया। आरोपी के कब्जे से बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफ्फरनगर से कई युनिर्वसिटीज की जाली दस्तावेज और फर्जी डिग्री इत्यादि सहित जाली मोहर बरामद हुए है।
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