मुख्य सचिव डॉ संधु ने कहा, उत्तराखंड का 72 प्रतिशत भू भाग वन क्षेत्र होने के कारण इको टूरिज्म की अत्याधिक संभावनाएं, Eco Tourism को बढ़ावा देने के लिए राज्य और जनपद स्तरीय समितियों का किया जा रहा गठन
देहरादून । मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने के सम्बन्ध में सभी सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश का 72 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र होने के कारण ईको टूरिज्म की अत्यधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा वन क्षेत्र में विभिन्न ऐसी गतिविधियां हैं जो रोजगार सृजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तरीय और जनपद स्तरीय समितियों का गठन किया जा रहा है। समिति में निजी क्षेत्र की भागीदारी से अधिक अच्छे सुझाव आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में वन विभाग और वन क्षेत्र से बाहर वन से लगे क्षेत्रों में पर्यटन विभाग विभिन्न ईको टूरिज्म गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए।
मुख्य सचिव ने वन क्षेत्र में बंबू हाउसेज, साइक्लिंग ट्रेल, ईको हट्स और ट्री हाउसेज के लिए अत्यधिक संभावनाएं हैं। ये गतिविधियां रोजगार सृजन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बायो डायवर्सिटी पार्क और बर्ड वॉचिंग के लिए स्थान चिन्हित कर प्रस्तुत तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डेस्टिनेशन डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जाना चाहिए। यह इंडिविजुअल प्रोडक्ट भी हो सकता है और किसी सर्किट के रूप में भी।
मुख्य सचिव ने प्रत्येक जनपद को ईको टूरिज्म कंसल्टेंट उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि इससे स्थान विशिष्ट योजना बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने सभी जनपदों से जनपदवार प्रस्ताव भेजे जाने के निर्देश दिए। कहा कि कौन जनपद क्या कर रहा है इसकी जनपदवार रैंकिंग भी की जाएगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि इस क्षेत्र में आयुष एवं हर्बल पार्क में भी अत्यधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को विभिन्न प्रकार के अनुभव एक जगह पर देने की आवश्यकता है। जनपद अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही व्यवहारिक समस्याओं से अवगत कराएं, जिनका समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रखरखाव हेतु फंड की व्यवस्था की कमी के कारण विभिन्न योजनाएं बीच में बंद हो जाती हैं, ऐसी स्थिति से बचने के लिए इन योजनाओं के रखरखाव की दिशा में भी सिस्टम विकसित किया जा रहा है।इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) विनोद कुमार, सचिव सचिन कुर्वे, बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं विजय कुमार यादव सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना से जुड़े उद्यमियों से की वीसी के जरिए वार्ता
देहरादून। मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना से जुड़े उद्यमियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वार्ता की। मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के लागू होने में आ रही व्यवहारिक कठिनाईयों को जानने और उनके निराकरण के सम्बन्ध में नई सोलर पॉलिसी में प्रावधान किए जाने की बात कही।
मुख्य सचिव ने कहा कि उद्यमियों को यूपीसीएल की और से निर्धारित समय में भुगतान हो इसके लिए प्रावधान किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के लिए एमएसएमई सब्सिडी पॉलिसी को अपनाया जाए। उन्होंने उद्यमियों को उद्यम लगाने हेतु सभी प्रकार का टेक्निकल सपोर्ट दिए जाने हेतु भी निर्देशित किया। साथ ही यूपीसीएल और पिटकुल को उद्यम लगने से पूर्व उत्पन्न सौर ऊर्जा की निकासी की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए गए।
मुख्य सचिव ने कहा कि नई सोलर पॉलिसी में उद्यमियों के दिए गए सुझावों को भी शामिल किया जाए। साथ ही, उद्यमियों को ऋण उपलब्ध कराने में हर सम्भव सहायता उपलब्ध करायी जाए।
इस अवसर पर सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम एवं निदेशक उरेडा रंजना राजगुरू सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों के जिलाधिकारी एवं उद्यमी उपस्थित थे।