सचिव स्वास्थ्य डॉ आर. राजेश कुमार ने कहा,बधिरता की रोकथाम के लिए धरातल पर जन जागरूकता कार्यक्रमों को दिया जाए बढ़ावा,बधिरता के बारे में आवश्यक रूप से की जाए बच्चों की स्क्रीनिंग
देहरादून।राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सभागार में शुक्रवार को विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर एन.एच.एम. की और से राज्य स्तरीय वेबिनार का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर डॉ. आर. राजेश कुमार, सचिव, स्वास्थ्य विभाग ने एन.एच.एम. के अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के प्रतिनिधियों, कर्मचारियों को बधिरता रोकथाम के लिए धरातल पर जनजागरुकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए कार्य करने पर बल दिया। उन्होंने प्रतिभागी डॉक्टरों को बधिरता के संबंध में बच्चों की स्क्रीनिंग आवश्यक रुप से किए जाने के लिए निर्देशित किया।
विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर आयोजित वेबिनार कार्यक्रम का शुभारंभ एन.एच.एम. निदेशक डॉ. सरोज नैथानी ने किया व विश्व श्रवण दिवस के बारे में विस्तृत रुप से जानकारी दी गई। इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन की और से विश्व श्रवण दिवस की थीम “कान एवं सुनने की शक्ति की देखभाल आओ इसे मिलकर सार्थक बनाए” रखी गई है। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय बधिरता रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम के प्रभारी अधिकारी डॉ. पकंज कुमार सिंह ने किया ।
वेबिनार में मुख्य वक्ताओं डॉ. आलोक जैन सीनियर ई.एन.टी. सर्जन प्रेसिडेंट उत्तराखंड स्टेट ई.एन.टी. सर्जन एसोसिएशन, डॉ. मनु मलहोत्रा हेड ईं.एन.टी. एम्स ऋषिकेश, डॉ. अनूप कौशल हेड नेक सर्जन व सीनियर ई.एन.टी, डॉ. वी.एस. टोलिया निदेशक राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की और से वेबिनार में जुड़े हेल्थ वर्कर्स एवं डॉक्टर को बधिरता के प्रारंभिक रोकथाम व नियंत्रण एवं प्राथमिक स्तर पर बधिरता की पहचान करते हुए संभावित उपचार के बारे में बताया गया।
वेबिनार पर लोगों को बहरेपन की समस्या के कारण और निवारण के प्रति जागरूक और सचेत करने पर जोर दिया गया। इसके साथ यह जानकारी दी गई कि कैसे अपने कान के स्वास्थ्य पर ध्यान दे सकते हैं।
विश्व श्रवण दिवस का उद्देश्य बहरेपन की समस्या से लोगों को जागरूक करना व इससे ग्रस्त लोगों का उपचार करना है तथा ऑडियो उपकरणों के असुरक्षित उपयोग यानी नॉइज पॉल्युशन के प्रति लोगों को सचेत करना है।