राज्यपाल के अभिभाषण से शुरु हुआ विधानसभा का बजट सत्र, धामी सरकार की उपलब्धियों और भविष्य की विकास योजनाओं के विजन का खाका सदन के सामने रखा, विपक्ष की नारेबाजी के बीच पढ़ा अभिभाषण
गैरसैंण। उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के साथ ही शुरू हो गया । राज्यपाल ले.ज.गुरमीत सिंह( से.नि.) ने अपने अभिभाषण में राज्य की पुष्कर धामी सरकार की उपलब्धियों और भविष्य की विकास योजनाओं के विजन का खाका सदन के सामने रखा। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में उत्तराखण्ड को एक आदर्श एवं विकसित राज्य बनाये जाने के लिए किये जा रहे प्रयासों एवं सहयोग के लिए विधानसभा सदस्यों व प्रदेश की जनता के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं प्रदेश की उत्तरोत्तर समृद्धि की भी कामना करता हूँ। मुझे विश्वास है कि हम आगामी वित्तीय वर्ष में जन आकांक्षाओं के अनुरूप विकास की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेंगे तथा आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के निर्माण के लिए कृत संकल्पित होकर अपना योगदान देंगे। राज्यपाल ने बजट सत्र के पहले दिन के अपने अभीभाषण में भाजपा सरकार की अबतक की उपलब्धियों और विकास योजनाओं के साथ ही भविष्य की योजनाओं का प्रारूप सामने रखने का प्रयास किया। सदन में विपक्ष की विभिन्न मुद्दों को लेकर नारेबाजी के बीच ही राज्यपाल ने बुलंद और जोशीले अंदाज में अपना अभिभाषण पूरा किया।
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री मोदी के “21वीं शताब्दी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा” विश्वास का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्र की 05 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार के 25 वर्ष पूर्ण होने तक पूंजीगत व्यय में वृद्धि दर के साथ आगामी पांच वर्षों में जीएसडीपी को दोगुना किया जायेगा । कहा कि सशक्त उत्तराखंड की अवधारणा के अन्तर्गत वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है। उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति आय 2,05,840 रुपये है, जो अखिल भारतीय स्तर पर प्रचलित प्रति व्यक्ति आय 1,50,007 रुपये से 37 प्रतिशत अधिक है।
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग द्वारा राज्य सरकार जनता के द्वार, हमारा संकल्प भयमुक्त समाज, हमारा संकल्प अनुशासित प्रदेश के लक्ष्य को लेकर विभिन्न कार्यक्रमों के साथ आगे बढ़ रही है। महिलाओं को राजकीय सेवाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने के उद्देश्य से उत्तराखंड लोक सेवा ( महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) अधिनियम, 2022 ” लागू किया गया। राज्यसेवा की भर्ती परीक्षाओं में नकल एवं अनुचित साधनों को रोकने के लिए विशेष कानून “उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा ( भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश, 2023 लाया गया है। राज्यपाल ने राज्य सरकार की परिवहन, कृषि, सिंचाई, लोक निर्माण, आवास, नागरिक उड्डयन, पेयजल, रोजगार, समाज कल्याण, शिक्ष एवं उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पर्यटन एवं संस्कृति धर्मस्व सहित कई विभागों की उपलब्धियों और योजनाओं को भी सदन के सामने रखा।