सीएम की सुरक्षा में तैनात कमांडो की संदिग्ध हालात में गोली लगने से मौत, बैरक में मिला शव, पुलिस जांच में जुटी
मृतक कमांडो 40 वीं वाहिनी पीएससी में था तैनात
वर्ष 2016 से सीएम आवास में थी तैनाती
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सुरक्षा में तैनात गार्ड की संदिग्ध हालात में गोली लगने से मौत हो गई। एके 47 राइफल की गोली कमांडो के गले में लगी । सीएम आवास के पास बने बैरक में गार्ड का शव मिला। बताया जा रहा है कि कमांडो ने आत्महत्या की है, मगर फिलहाल पुलिस इसे दुर्घटना मान रही है ।उसके साथियों से पूछताछ और मोबाइल की जांच कर रही है। राइफल को भी फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक, घटना आज गुरुवार साढ़े तीन बजे की है। मृतक की पहचान जवान प्रमोद रावत पौड़ी गढ़वाल के कफोलस्यो पट्टी ग्राम अगरोडा निवासी के रूप में हुई है। वह 2007 बैच का PAC का जवान था था। वर्तमान में वह 40वीं बटालियन पीएसी में था।
बताया जा रहा है कि प्रमोद रावत 2016 से सीएम आवास में ड्यूटी पर तैनात थे। सीएम आवास के अंदर ही बने बैरिक में सरकारी AK 47 राइफल से गोली लगने से कमांडो प्रमोद रावत की संदिग्ध हालात में मौत हो गई । पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची और मामले की जांच में जुट गई।
इधर घटना की सूचना मिलते ही आईजी गढ़वाल करण सिंह नागलियाल, एसएसपी दिलीप सिंह, एसपी सिटी सरिता डोभाल व सीओ डालनवाला अभिनव चौधरी मौके पर पहुंचे। मामले की जांच की जा रही है।
उन्होंने बताया कि जवान प्रमोद रावत पौड़ी गढ़वाल के कफोलस्यो पट्टी ग्राम अगरोडा के रहने वाले थे। उनके परिवार वाले बीते बुधवार को ही देहरादून से गए थे उनके गांव में भागवत पूजा है इसलिए जवान ने 16 जून से छुट्टियां मांगी थी। गार्ड की छुट्टी 16 जून से मंजूर हो चुकी थी।
फिलहाल फोरेंसिक टीम मामले की जांच कर रही है इसके बाद ही गोली चलने के मुख्य कारणों का पता चल सकेगा।
विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार ने कहा,
एके-47 की गोली लगने से हुई मौत
देहरादून। मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार ने बताया कि, जवान को एके- 47 से ठोड़ी से सटकर गोली लगी है। इस बात की जांच की जा रही है कि जवान ने खुद को गोली मारी है या यह दुर्घटनावश लगी है। उन्होंने बताया कि बताया कि, “यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि कमांडो की मौत आत्महत्या से हुई या गलती से गोली चलने से हुई। उसकी गर्दन पर गोली का निशान है लेकिन बाहर निकलने का कोई निशान नहीं है। इसलिए इसका कारण फोरेंसिक जांच और पोस्टमॉर्टम के बाद ही घटना स्पष्ट हो पाएगी। गार्ड की छुट्टी 16 जून से मंजूर हो चुकी थी। उसने छुट्टी मांगी भी 16 जून से ही थी ,ऐसे में यह कारण आत्महत्या का नहीं हो सकता है।