Sting Operation case: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक और धमाका,कहा – स्टिंग के पीछे ‘हिमालय’ पुत्र के सुपुत्र का हाथ, स्टिंगकर्ता पर छेडछाड का आरोप भी लगाया
एक और ‘सबूत’ लेकर सामने आए हरदा
पोस्ट के बाद राजनैतिक गलियारों में फिर से चर्चा हो गई तेज
देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने स्टिंग का जिन बोतल से बाहर निकाल कर नये-नये खुलासे करने शुरू कर दिये है। 2016 में हुए स्टिंग मामले में जहां एक और सीबीआई जांच में तेजी देखने को मिल रही है, वही, इस स्टिंग का सामना कर रहे हरदा की हर पोस्ट नया खुलासा करने के साथ-साथ सियासी पारे को भी बरसात के मौसम में सातवे आसमान तक पहुंचा रही है।
सोमवार को हरीश रावत ने जो बात इशारों में लिखी,
उसने इस प्रकरण को नया मोड़ दे दिया है।
सोमवार को एक तरफ सीबीआई कोर्ट ने हरीश रावत और हरक सिंह रावत की आवाज़ का सैंपल देने के लिए नोटिस जारी किया तो वही, दूसरी तरफ हरीश रावत ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर स्टिंग से जुड़े कुछ कथित ‘सबूत’ पेश कर मामले को सुर्खियां दे दी। हरीश रावत पोस्ट कर ‘सबूतों’ के आधार पर प्रकरण से जुड़े कुछ लोगों पर तंज कस रहे हैं। इससे पहले भी हरीश रावत ने ऑडियो पोस्ट कर मामले को हवा देने की कोशिश की।
हरीश रावत के नए पोस्ट के मुताबिक वह लिखते हैं, ‘तथाकथित स्टिंग जिसमें एक्सपर्ट स्टिंगकर्ता ने कुछ छेड़छाड़ भी की है, उस स्टिंग के अलग-अलग हिस्सों को मैं 2-2 दिन के अंतराल के बाद आपके संज्ञानार्थ अपने फेसबुक पेज पर साझा करना चाहता हूं। स्टिंगकर्ता कहता है कि एक व्यक्ति जो राज्य के मुख्यमंत्री थे, जिनके साथ हिमालय पुत्र के पुत्र होने का संयोग जुड़ा है, उनके लिए कहता है कि स्टिंग के पीछे उन्हीं का हाथ है। धन का आदान-प्रदान हुआ है, कितना हुआ है… यह ऐसा नाम है जब ये देहरादून और इसके आस-पास दिखाई दें, तो उत्तराखंड के ऊपर कोई न कोई संकट आता ही आता है’। हरदा की इस पोस्ट के बाद से राजनैतिक गलियारों में फिर से चर्चा तेज हो गई है।
बहुगुणा बोले , प्रमाण हैं तो साबित करे हरीश रावत
देहरादून। 2016 में हुए स्टिंग मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत की और से लिखी गई पोस्ट में ‘हिमालय पुत्र के पुत्र होने का संयोग जुड़ा है’ कहने पर पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि सीबीआई जांच की बौखलाहट में हरीश रावत इस प्रकार के बयान दे रहें है। 10 साल बाद उन्होने कोई बात कही है, अगर उनके पास प्रमाण है, तो सार्वजनिक करे, साबित करे। मेरे बाद वह तीन साल तक मुख्यमंत्री रहे, तब क्यों नही जांच कराई। हरीश रावत सीबीआई जांच को प्रभावित करने को इस प्रकार के बयान दे रहें है ।