उत्तराखण्डपिथौरागढ़

पिथौरागढ़ जनपद के काला पानी में फटा बादल, BRO का  पुल और रोड  हुए  क्षतिग्रस्त,वैली ब्रिज टूटने से  इलाके का लिपुलेख बॉर्डर से संपर्क कटा, आबादी को नहीं हुआ कोई नुकसान

पिथौरागढ़।  जनपद पिथौरागढ़ में चीन बॉर्डर के पास कालापानी में बीती रात बादल फटा है।बादल फटने से इस इलाके में मौजूद  बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेश का पुल और रोड क्षतिग्रस्त हो गए। बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेसन का महत्वपूर्ण वैली ब्रिज टूटने से इस इलाके का लिपुलेख बॉर्डर से संपर्क कट गया है। हालांकि राहत की बात ये है कि बॉर्डर के इस इलाके में आबादी को कोई नुकसान नहीं हुआ है। बीआरओ की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। राजस्व विभाग की टीम धारचूला से कालापानी के लिए रवाना हो गई है। राजस्व विभाग टीम  भी मौके पर पहुंची है।
कालापानी में बादल फटने के कारण बीआरओ का पुल ध्वसत हो गया है। इस कारण लिपुलेख बॉर्डर की आवाजाही बंद हो गई है। पिथौरागढ़ जिले का ये हिस्सा अति दुर्गम है। यहां तक रोड बनाने में भी बीआरओ को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। वैली ब्रिज बनाने में भी कडी  मेहनत लगी है।बादल फटने से बीआरओर को काफी नुकसान हुआ है।
कालापानी 3600-5200 मीटर की ऊंचाई पर है स्थित
पिथौरागढ़।  कालापानी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में है।  यह क्षेत्र कालापानी नदी के बेसिन के हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है। कालापानी 3600-5200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
कालापानी की घाटी, जिसके शीर्ष पर लिपुलेख दर्रा है, कैलाश मानसरोवर के लिए भारत की ओर से मार्ग बनाती है।यह उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के भोटिया और नेपाल की टिंकर घाटी के लिए तिब्बत का पारंपरिक व्यापारिक मार्ग भी रहा है।काली नदी इस क्षेत्र में भारत और नेपाल के बीच सीमा बनाती है।

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